भारतीय सांस्कृतिक निधि (इंटेक) चैप्टर सवाई माधोपुर के तत्वावधान में जिला मुख्यालय के निजी स्कूलों के द्वारा विरासत यात्रा निकालकर पुराना शहर की विरासत को सहेजने की एवं समझने का संदेश दिया। विरासत यात्रा को पीआरओ हेमंत सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया एवं ऐसे कार्यक्रमों का समय-समय आयोजन करने के लिए प्रेरित किया। भारतीय संस्कृति के कन्वीनर पदम खत्री एवं को कन्वीनर हनुमान शर्मा ने बताया कि पुराने शहर में देशी एवं विदेशी पर्यटकों को पुराना शहर के एतिहासिक स्थलों, स्मारकों बावड़ियों एवं दुर्लभ कलाकृतियों से निर्मित मंदिरों को देखने से वंचित रह जाते हैं। इसलिए पुराना शहर विरासत होते हुए भी टूरिज्म के लिए तरस रहा है। यहां की विरासत को अध्यापक बच्चे एवं पूरा जनमानस समझ एवम सहेजे तो इस विरासत को विश्व के मानचित्र पर दर्शाया जा सकता है।
इसी उद्देश्य को लेकर जिला मुख्यालय के निजी स्कूलों से एक अध्यापक एवं 3 छात्र-छात्रा लेकर गलता मंदिर से लेकर भैरव मंदिर तक विरासत यात्रा निकाली गई। पुराने शहर में 13 ऐसे पुरातन स्मारक स्थल एवं मंदिर व बावड़ी हैं, जो शिल्प कला की दृष्टि से एवं वास्तुकला की दृष्टि से बेजोड़ हैं। विरासत यात्रा के माध्यम से बच्चों एवं अध्यापकों को विरासत के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई और यह जानकारी जन जन तक पहुंचे इसका प्रशिक्षण भी दिया गया। विरासत यात्रा में स्कूल शिक्षा परिवार के जिला महामंत्री दिलीप शर्मा, इंटेक के सदस्य श्रवण जैन, चंचल गुप्ता, चंद्रशेखर जोशी, मोहन लाल शर्मा, दीनदयाल अग्रवाल गोरधन कुमावत, मुकुट बिहारी गुप्ता, संगीता खत्री, जॉर्ज बर्गिज, नीतू सिंघल, संजय शर्मा, विजय नामा, लोकेश नामा, सहित निजी स्कूल संचालक एवं अध्यापक व छात्र-छात्रा उपस्थित हुए। विरासत यात्रा समाप्त होने के बाद सभी को भोजन इंटेक के द्वारा कराया गया। विरासत यात्रा का जगह-जगह लोगों ने स्वागत भी किया और सराहा भी। कार्यक्रम का संचालन मीना शर्मा ने किया।