“भविष्य की उड़ान” संवाद कार्यक्रम: एडीएम ने छात्राओं को दिये कैरियर गाईडेन्स के टिप्स
“भविष्य की उड़ान” संवाद कार्यक्रम के तहत आज शनिवार को चौथ का बरवाड़ा स्थित चौथ माता ट्रस्ट धर्मशाला में अतिरिक्त जिला कलेक्टर डॉ. सूरज सिंह नेगी ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाली छात्राओं से मुखातिब होकर कैरियर निर्माण पर चर्चा की। इस मौके पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर डॉ. नेगी ने प्रतियोगी परीक्षाओं एवं अन्य परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाली छात्राओं से संवाद कर कैरियर गाईडेन्स के संबंध मे जानकारी प्रदान की। अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने चौथ का बरवाड़ा में आयोजित “भविष्य की उड़ान” संवाद कार्यक्रम में छात्राओं को परीक्षा के दौरान खुद पर आत्मविश्वास रखने की बात कही।
उन्होंने छात्राओं को जीवन में सफल होने के उपाय बताते हुए विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से अपने कैरियर को सफल बनाने की बात कही। एडीएम ने संवाद कार्यक्रम में छात्राओं से सवाल जवाब कर उनकी जिज्ञासों को शांत किया तथा छात्राओं के शिक्षण स्तर की जांच की। उन्होंने कहा कि अगर कोई मुश्किल हो और कुछ समझ में नहीं आए तो शिक्षित और बड़े लोगों से पूछने में अपने आपको छोटा ना समझें, बल्कि जितना हो सके अपने गुरुओं, परिवार के लोगों या मित्रों की मदद लें। कैरियर के विषय में आप जितना ज्ञान बटोरेंगे उतनी ही सफलता आपका कैरियर आपको प्रदान करेगा। अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने संवाद कार्यक्रम में छात्राओं से कहा कि वही कैरियर सही है जो आपके दिल को सुकून दे। कैरियर में सफल होना है तो स्वयं पर भरोसा रखना बहुत जरूरी है।
आपके लिए सही कैरियर का चुनाव आप और आपका ज्ञान स्वयं है। आपको वही कैरियर भायेगा जिसके विषय में आपको अच्छा ज्ञान है और जिस क्षेत्र में आपको ज्यादा जानकारी है। अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने कहा कि यह कदापि न सोचें कि ग्रेजुएशन कम्पलीट करने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे में सोचेंगे। सच तो यही है कि तब तक आपको बहुत देर हो चुकी होगी। सफलता एक दिन में नहीं मिलती यह कीमत मांगती है। उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा कि जो बच्चे प्रातः जल्दी उठकर तैयारी करते हैं उनका सफलता प्रतिशत अधिक रहता है। वह उन बच्चों से कहीं आगे निकल जाते हैं जो प्रातः देर से सोकर उठते हैं। जीवन में अचानक कुछ नहीं मिलता। उसे पाने के लिए सतत प्रयास, कड़ी मेहनत और प्लानिंग जरूरी है और चीजों को देखने का नजरिया भी महत्वपूर्ण है।
सकारात्मक भाव से देखने की आदत बनाएं। प्रतिदिन स्वयं को लक्ष्य देवें एवं उनका विश्लेषण भी करें। अतिरिक्त जिला कलेक्टर डॉ. सूरज सिंह नेगी ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के बारे में बताते हुए कहा कि सर्वप्रथम हमे हमारा लक्ष्य निर्धारण करना चाहिए। लक्ष्य निर्धारित करने के पश्चात संसाधन जुटाने पर मेहनत करनी चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण है समय जिसकी कोई कीमत नहीं है और इसके पश्चात प्रतियोगी परीक्षा की पुस्तके एवं कोचिंग है। हमें सतत् मेहनत करनी चाहिए और तैयारियों की एक डायरी बनाकर उसमे ईमानदारी से हमारी साप्ताहिक प्रगति दर्ज करनी चाहिए और पूर्ण ईमानदारी से अवलोकन करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर हम खुद के प्रति ईमानदार नहीं है तो हम अपने माता-पिता को धोखा दे रहे है। पूरे प्रयास से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करें एवं परीक्षा के आधार पर अपनी कमियों को पहचान कर पूरे मनोयोग से तैयारी में जुट जाये। उन्होंने कहा कि लगातार प्रयास करने से सफलता अवश्य मिलेगी कोई हमे रोक नहीं सकता। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन सदैव आपके साथ खड़ा है आने वाले समय में पूरे जिले भर में 20 पुस्कालय प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी हेतु खोले जायेंगे। हमारे जिले को राज्य में एक नई पहचान मिल सके इसके लिए उन्होंने ने सभी सर्वसमाज व धर्मवासियों को इस मुहीम में जुटने की अपील की है।
सामान्य ज्ञान के सवाल जवाब पूछ कर बढ़ाया हौंसला:- “भविष्य की उड़ान” संवाद कार्यक्रम में उपस्थित छात्राओं से सामान्य ज्ञान के सवाल जवाब कर जैसे राजस्थान के कुल कितने सम्भाग है और हमारा जिला किस सम्भाग में आता है, राजस्थान के कौन से शहर को यूनेस्कों की धरोहर में शामिल किया गया, देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति जो राजस्थान से संबंधित है, ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले प्रथम भारतीय कौन है, भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए कौनसा अभियान चलाया आदि सवाल जवाब कर छात्राओं की हौंसला अफजाई की।
इस मौके पर सही जवाब देने वाली 21 छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की पुरस्तकें वितरित कर छात्राओं का सम्मान किया गया। इस दौरान पंचायत समिति प्रधान सम्पत पहाड़िया, तहसीलदार चौथ का बरवाड़ा, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ललिता मीना, विकास अधिकारी नरेन्द्र जैन, अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी रामलाल जाट, चन्द्र मोहन शर्मा सहित अन्य अधिकारीगण एवं छात्राएं उपस्थित रहें।