खण्डार उपखण्ड मुख्यालय पर सवाई माधोपुर रोड़ पर न्यायालय के सामने से लेकर उपखण्ड कार्यालय के सामने सड़क के दूसरी ओर वनविभाग द्वारा अवैध निर्माण कर खातेदारी भूमि में दीवार बनाई जा रही है।
खातेदार बाबूलाल, गिर्राज, हंसराज, रामप्रसाद बैरवा आदि ने बताया कि राजस्व रिकार्ड के अनुसार खसरा नम्बर 264/2 व 45/2 में कुल 108 बीघा खातेदारी भूमि है जिस पर वनविभाग अवैध तरीके से निर्माण कर रहा है। वनविभाग के पास कोई भी रिकार्ड मौके पर नहीं है। वनविभाग वनकर्मियों के साथ जबरन अवैध निर्माण कर रहा है। जबकि खातेदार 100 वर्षों से अधिक समय से अपनी काश्त कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार वनविभाग सिवायचक भूमि वनभूमि खातेदारी भूमि पर अवैध निर्माण करने में इतनी तेजी कर रहा है कि जो सरकारी नियम है उन्हे ही अनदेखा कर रखा है। वनविभाग के द्वारा दीवार बनाने के लिए वनक्षेत्र में ही अवैध रूप से मशीनें चलाकर पत्थरों का खनन किया जा रहा है। अब तक करीब 150 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉली पत्थर सिविल न्यायालय एवं उपखण्ड अधिकारी कार्यालय व आवास के सामने दीवार बनाने के लिए डाल दिए गए है। दीवार बनाने के लिए अवैध बजरी की करीब 50 से अधिक ट्रॉली मौके पर मंगवाई जा चुकी है। वन विभाग ही पत्थर व अवैध बजरी का खनन करवा रही है।
लोगों का कहना है कि करीब एक किलोमीटर की दीवार बनाने के लिए विभाग की ओर से कोई निविदा नहीं निकाली गई। वन विभाग खुद ही अवैध निर्माण कर नियमों को ताक मे रख रहा है। वनविभाग के द्वारा अवैध खनन करने पर जिम्मेदार ही मौन है। उपखण्ड अधिकारी आवास के सामने धड़ल्ले से वन विभाग के पत्थर डाले जा रहे है, अवैध बजरी डाली जा रही है, लेकिन उपखण्ड अधिकारी नें आज तक इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की है। लोगों का कहना है कि प्रशासन ही अवैध खनन को बढ़ावा दे रहा है। लोगों ने अवैध निर्माण को रूकवाने की मांग की है। ग्रामीणो ने मांग की है कि पहले खातेदारी भूमि व वनभूमि का सीमाज्ञान करवाया जाए। उसके राजस्व रिकार्ड के अनुसार ही दीवार का निर्माण करवाया जाए।
लोगों ने बताया कि सिविल न्यायालय के सामने सरकारी भूमि पर हेलिपेड बना हुआ है जिस पर अवैध निर्माण किया जा रहा है। गौरतलब है कि हेलिपेड पर अब तक पूर्व प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवानी, पूर्व उपराष्ट्रपति भैरासिंह शेखावत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट, हेमा मालिनी आदि राजनेता जिस जगह अपना हैलिकाॅप्टर उतार चुके है। उस हेलीपेड की जगह पर वनविभाग अवैध निर्माण कर रहा है। हेलीपेड पर वन विभाग कब्जा कर लेता है तो आगे से राजनेताओं को हैलीकाप्टर उतारने के लिए जगह भी नहीं मिलेगी।
इनका कहना है
वन भूमि पर निर्माण करवाने के लिए कोई नियम नहीं है। अवैध खनन को बताइए। खातेदारी भूमि है तो तहसीलदार निर्माण कार्य को रूकवाएं – महेन्द्र कुमार (डीएफओ सवाई माधोपुर)
उपखण्ड कार्यालय के सामने से लेकर न्यायालय तक वनविभाग के बड़े-बड़े पत्थर दीवार निर्माण के लिए लाए गए है। अवैध बजरी भी डाली जा रही है। इस सम्बन्ध में तहसीलदार को निर्देशित कर जांच के आदेश दिए है। अवैध सामग्री को जब्त किया जाएगा – मनोज कुमार वर्मा (उपखण्ड अधिकारी खंडार)