अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य शुभ्रा सिंह की अध्यक्षता में गुरूवार को शासन सचिवालय में एआरटी एवं सरोगेसी की स्टेट एप्रोप्रिएट अथॉरिटी की बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न एआरटी बैंक-क्लिनिक एवं सरोगेसी क्लिनिकों के पंजीयन के संबंध में निर्णय लिए गए। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि बैठक में 2 एआरटी बैंक, 3 एआरटी लेवल-प्रथम, 2 एआरटी लेवल-द्वितीय को भौतिक निरीक्षण के उपरांत जांच कमेटी के द्वारा उचित पाए जाने पर पंजीकरण प्रमाण-पत्र जारी करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही, 5 एआरटी बैंक/एआरटी क्लीनिक निर्धारित मानकों पर सही नहीं पाए जाने के कारण इनका पंजीयन जारी नहीं करने का निर्णय भी लिया गया है। उन्होंने बताया कि एआरटी बैंक एवं सरोगेसी क्लिनिकों पर कार्यरत स्टाफ के कार्य छोड़ने, हटाने एवं नए नियुक्त किए जाने के संबंध में एक एडवाजरी जारी की जाएगी।
सिंह ने बताया कि प्रदेश में संचालित 28 एआरटी बैंक, 27 एआरटी क्लीनिक लेवल-प्रथम, 22 एआरटी लेवल-द्वितीय एवं 10 सरोगेसी क्लीनिक को निर्धारित शुल्क एवं दस्तावेज ऑथोरिटी के समक्ष जमा नहीं करवाने के कारण इनका आवेदन निरस्त करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि ईएचसीसी अस्पताल में संचालित रिसा आईवीएफ केन्द्र का पंजीकरण न होने के कारण स्पष्टीकरण प्राप्त करने के साथ ब्लैकलिस्ट करने का भी निर्णय भी लिया गया है। इसके अलावा रिसा आईवीएफ के विरूद्ध माननीय न्यायालय में इस्तगासा दायर करने के भी निर्देश दिए गए हैं। बैठक में संयुक्त शासन सचिव प्रीति माथुर, निदेशक परिवार कल्याण डॉ. सुनीत राणावत, अतिरिक्त निदेशक परिवार कल्याण डॉ. के.पी. शर्मा एवं उप शासन सचिव अजय शर्मा उपस्थित रहे।