बालिका उच्च माध्यमिक आदर्श विद्या मन्दिर, मानटाउन में भारतीय शिक्षा समिति, गंगापुर सिटी, सवाई माधोपुर द्वारा आयोजित मानटाउन और खण्डार संकुल के शिशुवाटिका आचार्यों की बैठक का आयोजन किया गया। जिसका शुभारम्भ प्रान्तीय शिशुवाटिका प्रमुख गोपाल पारीक, जिला व्यवस्थापक कानसिंह सोलंकी, जिला सचिव जगदीश प्रसाद शर्मा द्वारा मां सरस्वती और मां भारती के समक्ष तिलकार्चन, माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
जिला निरीक्षक एवं प्रचार प्रसार प्रमुख महेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि विद्या भारती राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत् शिशुवाटिका के माध्यम से नन्हें-मुन्हें बालकों को शिक्षा दे रही हैं। प्रान्तीय शिशुवाटिका प्रमुख गोपाल पारीक ने शिशुवाटिका आचार्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बालकों को शिशु अवस्था में दिये संस्कार चिरस्थायी होते हैं। बालकों की आंखें निश्चल होती हैं, जबकि बड़ों की आंखें मन तथा बुद्धि के वशीभूत होती हैं। शिशुवाटिका का उद्देश्य जीवन के घनिष्ठतम अनुभव से क्षमताओं का विकास करते हुए संस्कार एवं चरित्र निर्माण करना है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से परम्परागत शिक्षण की अपेक्षा शिशुवाटिका पद्धति ही श्रेष्ठ हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार 14 क्रियाकलापों कहानी, गीत, नाटक, वार्तालाप, श्लोक-मंत्र, संगीत, प्रयोग, खेल, योग, उद्योग, बागवानी, साजसज्जा, निरीक्षण, आचरण-व्यवहार के माध्यम से शिशुओं को शिक्षा दी जानी हैं। जिला सचिव जगदीश प्रसाद शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के घटक बाल केन्द्रित शिक्षा, क्रिया आधारित शिक्षा,आनन्द मूलक शिक्षा, समाजोपयोगी शिक्षा के आधार पर ही हमें विद्या मन्दिरों में शिक्षण कराना चाहिए। जिला व्यवस्थापक कानसिंह सोलंकी ने कहा कि हमें हमारे विषय के तज्ञ आचार्यों द्वारा प्रभावी तथा गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण कराना चाहिए। इस में कोताही नहीं होनी चाहिए।
संकुल प्रमुख हंसराज वैष्णव ने सभी का आभार व्यक्त किया। शिशुवाटिका प्रभारी पुरुषोत्तम महावर ने मानटाउन की प्रभावी शिशुवाटिका के दर्शन कराये। इस दौरान जिला शिशुवाटिका प्रमुख चिरंजीलाल कौशल, प्रधानाचार्य महेशचन्द्र शर्मा, शिशुवाटिका प्रमुख विजयलक्ष्मी कुशवाह, बच्ची शर्मा, अनीता जैन, श्यामसिंह, अनीता सैन, राधेश्याम महावर, श्यामा चौधरी, मदनमोहन जांगिड़, मिथलेश जांगिड़, ऊषा शर्मा, वर्षा शर्मा, अन्तिमा सैन, सुनीता जांगिड़, रिंकी महावर, अशोक सोनी, ललिता प्रसाद शर्मा, मनमोहन महावर, भरतलाल प्रजापति, दिनेश शर्मा, रवि कुमार गौतम आदि उपस्थित रहे। बैठक का समापन शांति मंत्र के साथ हुआ।