चुनाव प्रचार के लिए बचे हैं 5 दिन
विधानसभा आम चुनाव 2018 के अन्तर्गत सवाई माधोपुर जिले की चार विधानसभा सीटों के लिए 7 दिसम्बर को मतदान होगा।
चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे भाजपा, कांग्रेस के अलावा बसपा, आम आदमी पार्टी, भारत वाहिनी, कम्युनिस्ट सहित कई निर्दलीय उम्मीद्वार भी इस बार विधायक बनने के हर सम्भव कोशिश कर रहे हैं।
सवाई माधोपुर विधानसभा सीट पर निर्दलीय व आम आदमी पार्टी प्रत्याशियों ने जहाँ भाजपा कांग्रेस के समीकरण बनाने बिगाड़ने की गणित बना रखी है, वहीं दोनों राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशी खुद अपने ही कार्यकर्ताओं से समर्थन जुटाने के लिए जूझ रहे हैं।
लोगों में चर्चा है कि सवाई माधोपुर में अभी तक हर दिन हवा बदल रही है, लेकिन एक बार बसपा सुप्रिमों मायावती की जन सभा से माहौल में बदलाव नजर आने लगा था, तभी भाजपा सुप्रिमो अमित शाह के 3 दिसम्बर के प्रस्तावित सवाई माधोपुर दौरे की सूचना के बाद एक बार फिर हवा का रूख बदलने की सम्भावना प्रबल होती दिखाई दे रही है। 3 दिसम्बर को शाह की सभा के बाद कांग्रेस की भी कोई बड़ी सभा हो सकती है। ऐसे में मतदाता अभी तक इस नतीजे पर नहीं पहुंच रहे हैं कि उनका मत किस को मिलेगा। ऐसे में आज भी सवाई माधोपुर में कोई भी मतदाता ये कहने की स्थिति में नहीं है कि यहाँ से वे किस को विधायक बना रहे हैं।
लोगों में विधायक दीया कुमारी के दो दिन पहले गंगापुर, सवाई माधोपुर में किये गये रोड़ शो को भी औपचारिकता भरा प्रचार बताया जा रहा है।
इसी तरह बामनवास, गंगापुर सिटी और खण्डार विधानसभा क्षेत्र की स्थिति है। इन क्षेत्रों में भी चुनाव प्रचार में दम नजर नहीं आ रहा है। हालांकि खण्डार विधानसभा क्षेत्र के शिवाड़ में मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने हवा का रूख बदलने की कोशिश की है। लेकिन यहाँ भी 5 और 15 वर्ष के कार्यकाल की तुलना में ही उलझा हुआ नजर आ रहा है मतदाता। खण्डार में भाजपा, कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है, जबकि गंगापुर, बामनवास में कांग्रेस के बागी उम्मीद्वारों ने चुनाव को दिलचस्प और त्रिकोणीय बना दिया है।
बामनवास में पूर्व केन्द्रीय मंत्री नमोनारायण के भाई पूर्व विधायक नवल किशोर तथा गंगापुर में पूर्व संसदीय सचिव रहे रामकेश मीणा बागी कांग्रेसी के रूप में चुनाव मैदान में है।
जबकि खण्डार में पूर्व मंत्री कांग्रेस के अशोक बैरवा और वर्तमान संसदीय सचिव जितेन्द्र गोठवाल के बीच सीधी टक्कर है।
इसी प्रकार सवाई माधोपुर में पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. डाॅ. अबरार अहमद के पुत्र दानिश अबरार दूसरी बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि कांग्रेस टिकट पर चुनाव जीत कर सवाई माधोपुर पंचायत समिति की प्रधान रही आशा मीणा अब भाजपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ रही है।
मतदान की तारीख इतनी नजदीक होने के बावजूद दोनों ही राष्ट्रीय दल चुनाव प्रचार के मामले में पिछड़ रहे हैं। इसी के पीछे लोगों का यह भी मानना है कि इस बार चुनाव प्रचार व चुनाव खर्च आदि पर निर्वाचन आयोग ने कड़ा रूख अपना रखा है। वाहनों, चुनाव सामग्री जैसे मामलों में चुनाव आयोग की सख्ती के कारण प्रचार का काम शुरू से ही जोर नहीं पकड़ पाया।