Friday , 5 July 2024
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शव का दुष्कर्म करना अपराध नहीं! कर्नाटक हाई कोर्ट ने मृत लड़की का बलात्कार करने वाले को किया बरी 

गत 25 जून 2015 को आरोपी ने एक 21 साल की लड़की की हत्या कर दी थी और फिर उसके शव का कथित तौर पर दुष्कर्म किया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। जांच और चार्जशीट के आधार पर ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को दोषी माना और उसे आजीवन कारावास की सज़ा सुना दी।

 

इसके बाद आरोपी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। आरोपी ने अपील दायर की कि मरने के बाद दुष्कर्म या सेक्शुअल एक्ट – जिसे नेक्रोफ़ीलिया भी कहते हैं – उसके लिए आईपीसी में कोई स्पेसिफ़िक प्रावधान नहीं है। प्रॉसिक्यूशन ने याचिका का भी विरोध किया। तर्क दिया कि आईपीसी की धारा-375 (ए) और (सी) के प्रावधानों को 1983 में संशोधित किया गया था जिसके नतीजतन, मृत शरीर का बलात्कार करना आईपीसी की धारा 376 के तहत दंडनीय अपराध है।

जस्टिस बी वीरप्पा और जस्टिस वेंकटेश नाइक टी की पीठ के सामने ये सवाल था कि किसी शव के साथ यौन संबंध बनाने पर आईपीसी के किसी प्रावधान के तहत दुष्कर्म का आरोप लगाया जा सकता है या नहीं?

 

Karnataka High Court acquits man who raped dead girl

 

न्याय के पेचीदा मसलों पर सलाह देने के लिए एमिकस क्यूरी (सलाहकार वकील) नियुक्त किया गया था. उसने बताया कि वैसे तो भारतीय आपराधिक क़ानून में नेक्रोफ़ीलिया एक अपराध नहीं है, मगर किसी व्यक्ति की मौत के बाद भी मानवाधिकारों को मान्यता मिली है। भारत के संविधान का अनुच्छेद-21, न केवल गरिमा और सम्मान के साथ जीवन का जीने का अधिकार देता है। बल्कि इसमें गरिमापूर्ण तरीके से मरने और मरने के बाद की क्रियाओं और अंतिम संस्कार का भी अधिकार भी शामिल है। अंत में पीठ ने कहा है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 375 और 377 के प्रावधानों को पढ़ने से ये साफ होता है कि मृत शव को मानव या व्यक्ति नहीं कहा जा सकता है। इसी वजह से आईपीसी की ये धाराएं, प्रावधान यहां लागू नहीं होते है।

 

हालांकि, न्यायालय ने हत्या के लिए आरोपी की सजा को बरक़रार रखा और ट्रायल कोर्ट के उम्रक़ैद की सजा की पुष्टि की। तो यहां पर सवाल ये उठता है कि अगर उसने मर्डर नहीं किया होता तो; केवल शव का रेप किया होता, तो क्या वो बाइज़्ज़त बरी हो जाता? यही सवाल बेंच के सामने भी होगा। इसीलिए उन्होंने सरकार से ऐसे कृत्यों को दंडित करने के लिए एक क़ानून बनाने पर विचार करने की सिफ़ारिश की है। यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में नेक्रोफीलिया या सेडिज़्म अपराध माना जाता है।

 

 

अब सवाई माधोपुर में भी कोटा का अल बयान पब्लिक स्कूल

सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय पर जल्द खुलने जा रहा है कोटा का अल बयान पब्लिक स्कूल।

AL Bayan Public School Sawai Madhopur
(A Franchisee Of ABPS, KOTA)

Admission Open 2023-2024

PLAYGROUP । NURSERY । LKG । UKG

Add – Behind Aakashwani, Masjid Gali, Sawai Madhopur

For More Information – 7340375065 । 9530208000

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