झुंझुनूं / Jhunjhunu : मुंबई (Mumbai) में भारतीय सेना (Indian Army) के जहाज INS ब्रह्मपुत्र में लगी आग की चपेट में आने से सितेंद्र सिंह (Sitendra Singh Sankhla) शहीद हो गए थे। आज गुरुवार को 23 वर्षीय शहीद सितेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ कर दिया गया है। जैसे ही शहीद सितेंद्र तिरंगे में लिपटकर घर के आंगन में पहुंचे तो परिजनों की आँख से आँसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।
घर के पूरे आंगन में चीख – पुकार मच गई। शहीद के परिजनों का रो – रो कर बुरा हाल था। शहीद सितेंद्र सिंह (Shaheed Sitendra Singh) झुंझुनूं जिले के तहसील सूरजगढ़ के डांगर गांव के रहेने वाले थे। उनका परिवार खेती बाड़ी पर निर्भर है। उनकी पार्थिव देह जैसे ही घर पहुंची तो शहीद की मां अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाई और फुट-फुट कर रोने लगी। शहीद की माँ बार – बार अपने बेटे को पुकारने लगी और कहने लगी मुझे मेरा लाल चाहिए।
लोगों ने दूर से ही बेटे के पार्थिव देह दर्शन कराए। इस दौरान बेटे के चेहरा देखकर उसकी माँ बेसुध हो गई। शहीद के घर से करीब 150 मीटर की दूरी पर कृषि भूमि पर उनका अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ किया गया। जब शहीद के पिता पूर्ण सिंह ने अपने बेटे सितेंद्र सिंह को आखिरी बार नमन किया तो उनकी आँख से आँसू रुक नहीं पाएं।
नेवी के जवानों ने उनको तिरंगा और नेवल केप सौंपी। शहीद के बड़े भी ने उन्हें मुखाग्नि दी। इससे पहले मनेन्द्र ने छोटे भी को आखिरी बार सैल्यूट किया तो वह अपने आप को संभाल नहीं पाएं और रोने लगे।