सकल दिगंबर जैन समाज द्वारा जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्कावामी निर्वाण महोत्सव एवं गौतम स्वामी का केवलज्ञान महोत्सव नगर परिषद क्षेत्रांतर्गत स्थित जिनालयों में प्रेम, उत्साह एंव भाईचारे के साथ धार्मिक मान्यतानुसार वीर निर्वाण पर्व के रूप में मंगलवार को बड़ी शान से मनाया गया। इसी के साथ वीर निर्वाण संवत् 2549 प्रारंभ हुआ। इस अवसर पर जिनालयों को रंग बिरंगी रोशनी से सजाया गया। अहिंसा सर्किल आलनपुर स्थित दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र चमत्कारजी मंदिर में पंडित आशीष जैन शास्त्री के निर्देशन में जिनेंद्र भक्तों ने प्रातः काल स्वर्ण व रजत कलशों से जिनेंद्र देव का अभिषेक व शांतिधारा की।
इसके उपरांत चमत्कारजी मंदिर प्रबंध समिति के सान्निध्य में मोक्ष के प्रतीक स्वरूप निर्वाण लड्डू (मोदक) मंत्रों के बीच अर्पण किए। साथ ही गौतम गणधर के केवलज्ञान प्राप्ति के उपलक्ष्य में सायंकाल शांति- सौहार्द और ज्ञान के प्रतीक दीपक जलाए गए। ज्ञान लक्ष्मी की पूजा-मां जिनवाणी की अर्चना की गई। इस मौके पर पंडित आशीष जैन शास्त्री ने महोत्सव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सत्य, अहिंसा, प्रेम व दया धर्म का दीप जलाकर अपनत्व का संचार करने पर ही भगवान महावीर का निर्वाणोत्सव व गौतम गणधर का केवलज्ञानोत्सव मनाना सार्थक होगा। जिससे सम्यकज्ञान की ज्योति से जीवन प्रकाशमय हो सके।
भगवान महावीर स्वामी के मोक्ष कल्याण पर चढ़ाया निर्वाण लाडू :-
प्रातः काल की स्वर्णिम बेला और प्रकृति की गोद से उठता सूर्य भगवान महावीर की परि निर्माण बेला में सारे विश्व को आलोकित करता हुआ धरती पर उतर रहा है स अंधेरे में रोशनी की एक किरण खोजती मानवता को आज फिर महावीर की तलाश है, आज फिर प्यासी है जनता कि कोई वीर महावीर बनकर आये और हिंसा के संलिप्त वातावरण में सूखे अधरों पर करूणा का नीर टपकाये और धरती एक बार फिर जिओ और जीने दो के दिव्य उद् घोषों से गूंज जाय और अन्तरदीप की पूर्णता प्राप्त हो जावे।
यह अवसर है भगवान महावीर के 2549वें परिनिर्वाण दिवस का। इस अवसर पर जैन समाज पिपलाई द्वारा जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का निर्वाणोत्सव तथा आचार्य सागर महाराज का समाधि दिवस और गुरू गौतम स्वामी केवलज्ञान महोत्सव पर दिगम्बर जैन मन्दिर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये। जिसमे युवाओं को जिनेन्द्र भगवान की शान्तिधारा करने का कार्य सौंपा गया जिसमें युवाओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया और भगवान महावीर का मोक्ष निर्वाण और दीपोत्सव के तहत मन्दिर मे मंत्रोच्चार के साथ जयकारों के बीच 25 अक्टूबर को समग्र जैन समाज के अध्यक्ष सुनील जैन और प्रवक्ता बृजेन्द्र कुमार जैन तथा मंत्री आशीष जैन के सानिध्य मे समाज के सभी श्रावक, श्राविकाओं ने पूरी धार्मिक प्रभावना के साथ सामूहिक रूप से निर्वाण लडू चाढ़ाया तथा साथ ही भगवान महावीर की अष्टद्रव्य से पूजा अर्चना की गई।
इस अवसर पर समग्र जैन समाज के प्रवक्ता बृजेन्द्र जैन ने बताया कि इसी दिन अल्पसंख्यक वर्ग के जैन समुदाय के एक साथ कई महापुरूषों के दिवस और वीर निर्वाण संवत शुभारम्भ तथा आचार्यों, मुनिराजों, आर्यिका माताजी सहित साधु संतो के चातुर्मास का निष्ठापन एवं वर्षायोग का समापन भी हुआ। पूरी दुनिया आज 2022 में ही पहुंची पर हमारी हिन्दू संस्कृति विक्रम संवत 2079 में रही है और हमारा वीर निर्वाण संवत् 2549 है। हमे गर्व होना चाहिए कि हम सबसे आगे और अविराम हैं। इस अवसर पर धापू देवी जैन, रमेश जैन, विनोद जैन, मुकेश जैन, सुरज्ञान जैन, जिनेन्द्र जैन, अजय जैन, अमित जैन, अंकित जैन, अभिनन्दन जैन, नितिन जैन, आशा जैन, रजनी जैन, सुमनलता जैन, ललिता जैन, राजुल जैन, अनिता जैन, सपना जैन, एकता जैन, मेघा जैन, रशमी जैन आदि उपस्थित थे।