न्यायालय की अवमानना पर तहसीलदार को नोटिस
सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट ने न्यायालय के आदेशों की पालना नहीं करने के एक मामले में बौंली तहसीलदार कमल पचोरी को नोटिस जारी कर 28 सितम्बर को अवमानना मामले में जवाब प्रस्तुत करने को कहा है।
जानकारी के अनुसार न्यायालय ने पूर्व में भी तहसीलदार को 9 सितम्बर को नोटिस का जवाब पेश करने का नोटिस दिया था लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब पेश नहीं किया गया। इस पर न्यायालय ने अब 28 सितम्बर की तिथि निर्धारित कर अवमानना का जवाब पेश करने का नोटिस जारी किया है।
एडवोकेट राजेंद्र सिंह नाथावत ने बताया कि तहसीलदार कमल पचोरी ने 19 जुलाई को क्षेत्र के जयलालपुरा थले पर खड़ी बोरवेल व प्रेशर मशीन को बिना अपराध किए अवैधानिक तरीके से जप्त कर बौंली थाने पर खड़ा करवाया था। इस मामले में बोरवेल व प्रेशर मशीन के मालिक निवाई निवासी दिलीप कुमार एवं अमन जैन द्वारा सिविल न्यायालय में सुपुर्दगी प्रार्थना पत्र पेश किया गया। जिस पर न्यायालय ने 28 जुलाई को दोनों मशीनें उनके मालिकों को सुपुर्द किए जाने के तहसीलदार को आदेश दिये थे। लेकिन तहसीलदार द्वारा न्यायालय के आदेशों की कोई पालना नहीं की गई।
पीड़ित पक्ष ने परेशान होकर न्यायालय अवमानना को लेकर न्यायालय में प्रार्थना पत्र पेश किया गया जिस पर न्यायालय ने 5 अगस्त को तहसीलदार कमल पचोरी को जवाब पेश करने हेतु नोटिस जारी किया लेकिन उनके द्वारा जवाब नहीं दिया गया। न्यायालय के नोटिस का किसी प्रकार का जवाब नहीं देने पर न्यायालय ने अब पुनः 9 सितम्बर को नोटिस जारी कर तहसीलदार को 28 सितम्बर को न्यायालय में सुपुर्दगी आदेश अवमानना का जवाब देश करने का नोटिस जारी किया है।
जहरीले कीट के खाने से महिला की हुई मौत
बौंली थाना क्षेत्र के बांसटोरड़ा में मंगलवार को खेत पर कृषि कार्य कर रही एक महिला की जहरीले कीट के काटने से मौत हो गई। मृतक महिला का पुलिस ने बौंली राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय में पोस्टमार्टम करा शव परिजनों के सुपुर्द किया व मर्ग दर्ज कर जांच शुरू की है।
हेड कांस्टेबल मुस्ताक खान के अनुसार मृतका बांसटोरड़ा निवासी बादाम देवी 60 वर्ष पत्नी राधेश्याम वैष्णव मंगलवार दोपहर 12:30 बजे के लगभग खेत पर काम कर रही थी। अचानक किसी जहरीले कीट ने उसे काट लिया। जिससे वह बेहोश हो गई। परिजन उसे चिकित्सालय लाए। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पुलिस ने चिकित्सालय में मृतका का पोस्टमार्टम करा शव परिजनों के सुपुर्द किया एवं मर्ग दर्ज कर जांच शुरू की है।
रेल को बिकने से बचाने के लिए आम जनता भी आये आगे
रेलवे के निजीकरण के विरोध में ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन एवं वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाई यूनियन द्वारा 14 सितम्बर से 19 सितम्बर तक मनाये जा रहे कार्यक्रम जन आंदोलन के तहत आज भी यूनियन पदाधिकारियों ने गंगापुर सिटी में रेलवे के माइक्रोवेव, रिपीटर, स्वास्थ्य विभाग व रेलवे स्टेशन पर रेलवे कर्मचारियों से संपर्क कर सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के बारे में चर्चा की। जोरदार नारेबाजी करते हुए द्वार सभाओं का आयोजन किया।
इस अवसर यूनियन के मंडल उपाध्यक्ष नरेंद्र जैन ने कहा की यदि रेलवे घाटे में जा रही है तो उसको कौन खरीद रहा है और यदि फायदे में तो हम इसको क्यों बेच रहे हैं। इस बात को आम आदमी को जानना जरूरी है। क्योंकि केंद्र सरकार बिना किसी उचित तर्क के रेलवे के उपक्रमों, गाड़ियों एवं स्टेशनों को प्राइवेट ठेकेदारों, उद्योगपतियों, निजी कंपनियों के हवाले करती जा रही है। सरकार की मंशा निश्चित रूप से रेल उद्योग को फायदा पहुंचाने की नहीं है बल्कि इन उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने की है। इस अवसर पर यूनियन के नेता मंडल सह सचिव प्रकाश शर्मा, गजानंद शर्मा, हरिप्रसाद मीणा, आदिल खान, वीरेंद्र मीणा, रघुराज सिंह, रामकेश मीणा ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि रेलवे के निजी करण होने से रेल कर्मचारियों को भारी तकलीफ होने वाली है। लेकिन आम जनता की परेशानियों का भी कोई ठिकाना नहीं है। अब जरूरी है समाज के सभी वर्ग केंद्र सरकार की नीतियों को समझे और आम आदमी की जीवन रेखा कही जाने वाली भारतीय रेल को निजी करण होने से बचाने के लिए जन आंदोलन में सहयोग करें। इस अवसर पर यूनियन के पदाधिकारी सुनील जांगिड़, रोशनी फ्रैंकलीन, शरीफ मोहम्मद, अशोक कुमार, मनमोहन शर्मा, आरके मीना, राय सिंह मीणा, राकेश सोनवाल, आदिल खान, महेश मीणा, रामविलास मीणा, धर्मवीर सिंह, बलदेव मीणा, दिनेश शर्मा, विकास चतुर्वेदी, उदय सिंह गुर्जर, देवेंद्र गुर्जर सहित दर्जनों रेल कर्मचारी उपस्थित थे।