सरकारी स्कूलों की तरह ही अब प्रदेश के निजी स्कूलों का भी नियमित निरीक्षण होगा। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं। निरीक्षण के दौरान देखा जाएगा कि निजी स्कूलों में विद्यार्थियों को क्या सुविधा दी जा रही है, शिक्षक और विद्यार्थी की संख्या के अनुपात के आधार पर कक्षा-कक्ष की व्यवस्था, आरटीई में प्रवेशित विद्यार्थियों की संख्या, स्कूल की मान्यता, प्राइवेट स्कूलों में कार्यरत स्थाई-अस्थाई कार्मिकों की नियुक्ति, उपस्थिति और उनके वेतन व अवकाश से संबंधित रिकॉर्ड आदि बिंदुओं की जांच की जाएगी। इधर, निजी स्कूल संचालकों ने सत्रांक सहित नियमित निरीक्षण के आदेशों का विरोध किया है। सेवा संगठन के प्रदेश कार्यालय में कोडाराम भादू की अध्यक्षता में निजी स्कूल संचालकों की गुरुवार को बैठक हुई।
संगठन के शैलेष भादानी ने बताया कि 21 फरवरी को शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी दो आदेशों से गैर सरकारी स्कूल संचालकों में नाराजगी है। दोनों आदेश अव्यवहारिक एवं अनुचित है। इनकी कोई आवश्यकता नहीं थी एक आदेश में विद्यालय की जांच के संबंध में लिखा गया है जो कि हमेशा आरटीई भौतिक सत्यापन के समय विभाग द्वारा गठित भौतिक सत्यापन दल द्वारा सत्यापित किया जाता है। तथा दूसरा आदेश सत्रांक से संबंधित है। गैर सरकारी स्कूल संचालकों ने निर्णय लिया है कि दोनों आदेशों को वापस लेने के संबंध में शुक्रवार को एक प्रतिनिधिमंडल निदेशक से मिलेगा। बैठक में डॉ. फिरोज शर्मा, सुनीता तनेजा, परतुराम बेनीवाल, हंसराज धौलपुरिया, किसनाराम घिंटाला, रमेश सैनी और तेज सिंह भार्गव आदि शामिल हुए।