भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता त्वरित और प्रभावी न्याय व्यवस्था की दिशा में अभूतपूर्व कदम – विधि मंत्री
विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के लागू होने से हमारे देश के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में बड़ा परिवर्तन आएगा। उन्होंने कहा कि देश में त्वरित एवं प्रभावी न्याय प्रणाली के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह द्वारा उठाया गया यह सराहनीय कदम है। पटेल रविवार को शासन सचिवालय में राजस्थान सरकार के 100 दिवसीय कार्य योजना के अन्तर्गत विधि एवं विधिक कार्य विभाग द्वारा “भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023” विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला का आयोजन जिले के अधिवक्ता संवर्ग के लोक अभियोजकगण के लिए किया गया था। इस अवसर पर विधि मंत्री ने कहा कि अपराधों के अन्वेक्षण तथा विधिक प्रक्रिया में तकनीकी का इस्तेमाल आज के युग की मांग है।
नवीन भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में तकनीक का समावेश, नागरिक केन्द्रित दृष्टिकोण तथा निश्चित समयसीमा जैसे आवश्यक बिन्दुओं का समावेश कर बदलाव किये गए हैं, जिससे न केवल न्याय प्रक्रिया में गति आयेगी, बल्कि न्याय व्यवस्था सुदृढ़ होगी और आम आदमी को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि ये विधेयक औपनिवेशक युग के कानूनों के अंत का प्रतीक है। कानूनी सुधारों की इस यात्रा से राष्ट्र की गतिशीलता में वृद्धि होगी। इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव विधि ज्ञानप्रकाश गुप्ता ने संहिता में हुए बदलाव के सम्बन्ध में सभी प्रतिभागियों को अवगत कराया और यह आशा व्यक्त की कि इस नवीन संहिता के परिपेक्ष्य में वे और अधिक तत्परता से कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि कानून हमारे समाज का आईना है।
हमारा समाज प्रगतिशील है, इसी धारणा को ध्यान में रखते हुए सीआरपीसी को संशोधित किया गया है। उन्होंने अभियोजकों से आग्रह किया कि नये सीआरपीसी के संशोधन को अच्छी तरह पढ़कर आत्मसात करें। कार्यक्रम में विधि क्षेत्र में विशेष अनुभव रखने वाले विशेषज्ञों ने भी प्रतिभागियों को नवीन भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में हुए बदलाव के सम्बन्ध में सूक्ष्मता से जानकारी दी। विधि विभाग की ओर से विवेक चौहान, वरिष्ठ संयुक्त विधि परामर्शी ने पावर पॉइन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से संहिता में हुए बदलाव के सम्बन्ध में जानकारी दी।
पावर पॉइंट प्रजेन्टेशन में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के अंतर्गत मुख्य बदलावों को विस्तार से बताया गया। जिनमें जीरो एफआईआर, ई-एफआईआर, गंभीर अपराधों हेतु फोरेन्सिक साक्ष्यों के संकलन, 15 दिन की पुलिस अभिरक्षा आदि प्रावधानों के बारे में विस्तार से बताया गया। अन्त में शासन सचिव, विधि अनुपमा राजीव बिजलानी ने कार्यशाला में उपस्थित सभी विशिष्ठ अतिथिगण एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यशाला में विधि विभाग के विशिष्ठ शासन सचिव एवं संयुक्त शासन सचिव स्तर के सभी अधिकारी उपस्थित रहे।
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