Wednesday , 3 July 2024
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पॉपुलर फ्रंट की भारत सरकार से गणतंत्र के बुनियादी मूल्यों की ओर वापस लौटने की अपील

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद (एनईसी) ने मालाबार हाउस, मलप्पुरम, केरल में आयोजित अपनी बैठक में बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से अपील की है कि वह भारतीय संविधान में मौजूद धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक मूल्यों की ओर वापस लौटे। बीजेपी सरकार में, साल 2016 से भारत को धर्मनिरपेक्षता और सबको साथ लेकर चलने के संवैधानिक सिद्धांतों से दूर हटाया जा रहा है और साथ ही हिंदुत्व एजेंडे को लागू करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसका हमारे राष्ट्रीय आंदोलन से कोई वास्ता नहीं है। एनईसी द्वारा पारित एक प्रस्ताव में बैठक ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में देश की जनता के आसपास की ज़मीनी हकीकतों का दूर-दूर तक कोई ज़िक्र नहीं था।

 

एनईसी ने कहा “76वें स्वतंत्रता दिवस पर देश के प्रधानमंत्री का संबोधन अत्यंत निराशाजनक रहा, जिसमें जनता के लिए कुछ भी नहीं था। महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी और बढ़ती सांप्रदायिक नफरत ने अधिकांश नागरिकों के जीवन को मुश्किल बना दिया है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की सरकार के मुखिया होने के नाते, होना यह चाहिए था कि प्रधानमंत्री बनावटी और खोखली बातें करने के बजाय लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और देश की परिस्थिति को बदलने के लिए कदम उठाते।” प्रस्ताव में कहा गया कि वर्ष 2047 तक भारत को उन्नति और विकास में विश्व का मार्गदर्शन करने वाला सबसे शक्तिशाली देश बनाने का सपना उस वक्त तक पूरा नहीं हो सकता जब तक कि समाज में सहिष्णुता का माहौल न हो और सरकार सबको साथ लेकर चलने के रास्ते पर न चले।

 

Popular Front appeals to the Government of India to return to the core values ​​of the Republic

 

दूसरे प्रस्ताव में पॉपुलर फ्रंट की एनईसी ने उन हिंदुत्व नेताओं और संतों पर सरकार की चुप्पी और कार्यवाही न करने पर सवाल उठाए, जिन्होंने खुले तौर पर हिंदू राष्ट्र के संविधान का मसौदा तैयार करने की घोषणा की है, जो कि मौजूदा संवैधानिक गणराज्य के ख़िलाफ है। प्रस्ताव में कहा गया “यह भारतीय संविधान और देश के लोकतांत्रिक संस्थानों के लिए खुली धमकी है जिसके खिलाफ सही कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए थी। दुर्भाग्य से इसके पीछे जो लोग हैं उन्हें न तो कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ा है और न मीडिया ट्रायल का। मीडिया का एक वर्ग पिछले कुछ सप्ताह में मुस्लिम संगठनों पर तथाकथित इस्लामी राष्ट्र की स्थापना का आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने और सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने का काम करता रहा है। जांच एजेंसियां भी इन्ही फर्जी और बेतुके आरोपों को लेकर कई राज्यों में मुस्लिम युवाओं को लगातार निशाना बना रही हैं।”

 

एक अन्य प्रस्ताव में पॉपुलर फ्रंट की एनईसी ने संगठन के 6 महीने से जारी अभियान “गणतंत्र बचाओ” की सफलता पर देश भर के लोगों को मुबारकबाद दी। पॉपुलर फ्रंट की एनईसी ने कहा “पॉपुलर फ्रंट के इतिहास में अब तक के इस सबसे लंबे अभियान का उद्देश्य देश में संविधान को कमजोर करने की जारी कोशिशों के संबंध में जनता को जागरूक करना था। धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक मूल्यों के दुश्मन देश को तानाशाही और कट्टरता की दिशा में आगे बढ़ाना चाहते हैं। संगठन के कार्यकर्ता और वॉलिंटियर्स जनसभाओं, नुक्कड़ सभाओं, घर-घर अभियान और अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से विभिन्न राज्यों में अवाम के बीच पहुंचे। लाखों लोगों तक पहुंच कर लोकतांत्रिक संघर्ष के लिए उनके अंदर हौसला पैदा करने में यह अभियान बेहद कामयाब साबित हुआ।”

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Er. Ziyaul Islam (Chief Editor)

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