संसद की सुरक्षा में हुई बड़ी चूक को लेकर संसद में मामला गरमाया हुआ है। संसद के दोनों सदनों में विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से जवाब की मांग कर रहा है। इस मांग के साथ बढ़ते हंगामें के बीच लोकसभा और राज्यसभा की कार्रवाई को दोपहर 2 बजे के लिए स्थगित कर दिया गया है।
लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि, “ये दु:खद है कि इस मामले पर राजनीति की जा रही है।” लेकिन विपक्ष के नेताओं ने संसद में इसका जवाब देते हुए कहा है कि सरकार इस पर राजनीति कर रही है, क्योंकि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह सदन के बाहर इस पर बयान दे रहे हैं, लेकिन सदन के अंदर इस पर बात करने को तैयार नहीं हैं। शुक्रवार को ही इस मांग के कारण दोनों सदनों से 13 सांसदों को निलंबित किया गया है।
सदन के स्पीकर और सभापति ने इस सांसदों पर ‘सदन की कार्रवाई में बाधा’ डालने के आरोप में उन्हें सदन से निलंबित किया है। आज सदन की कार्रवाई स्थगित होने के बाद शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि- “किसी भी देश में संसद भवन को सबसे सुरक्षित माना जाता है और जब सबसे सुरक्षित भवन में सुरक्षा उल्लंघन होता है तो यह पीएम मोदी की जिम्मेदारी होती है कि वह सदन में बयान दें लेकिन ऐसा करने के बजाय वह एक अखबार से बात कर रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक टीवी चैनल से बात कर रहे हैं। किसी भी देश के पीएम ने ऐसा काम नहीं किया होगा।”
सीपीआई के महासचिव डी राजा ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी या गृह मंत्री अमित शाह को सुरक्षा उल्लंघन के संबंध में सदन में बयान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि- “वे संसद के बाहर भी इधर-उधर बोलते रहे हैं जिससे पता चलता है कि वे संसद को लेकर कितने गंभीर हैं।”
कांग्रेस के महासचिव और राज्यसभा सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी संसद का मज़ाक बना रहे हैं। संसद की सुरक्षा में हुई बड़ी चूक पर वो सदन में नहीं बोल रहे हैं, लेकिन सदन के बाहर बात कर रहे हैं।
(सोर्स : बीबीसी न्यूज हिन्दी)