जल प्राणी को प्रकृति द्वारा प्रदत्त अमृत है, पृथ्वी पर जब तक जल है तब तक ही जीवन है। जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। जल वो भी स्वच्छ, भारत के गांव ढाणियों में घर-घर तक पहुंचाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को लाल किले की प्राचीर से जल जीवन मिशन प्रारम्भ करने की घोषणा की। इस कार्यक्रम के तहत मार्च, 2024 तक देश के 18 करोड़ ग्रामीण परिवारों को हर घर जल संबंध देकर 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के आधार पर पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। राजस्थान जहां देश के क्षेत्रफल का 10.45 प्रतिशत भू-भाग है तथा भारत की जनसंख्या का 5.5 प्रतिशत हिस्सा है परन्तु यहां 1.16 प्रतिशत सतही जल एवं 1.7 प्रतिशत भू-जल उपलब्ध है। राजस्थान में 1 अप्रैल, 2019 के अनुसार घरेलू नल कनेक्शन की स्थिति 11 से 40 प्रतिशत है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों, विशाल भू-भाग जिसका दो तिहाइ हिस्सा मरूस्थल है एवं प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता न्यूनतम है। वहां जल जीवन मिशन के माध्यम से हर घर नल कनेक्शन देकर स्वच्छ जल पहुंचाना एक चुनौती है। राजस्थान का पूर्वी जिला सवाई माधोपुर जहां 42 प्रतिशत नल कनेक्शन भू-जल पर आधारित है, वहां हर घर नल कनेक्शन देकर स्वच्छ जल पहुंचाने का बीड़ा जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला के नेतृत्व में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग सवाई माधोपुर ने उठाया है। वर्तमान में जल जीवन मिशन में जिला हर घर नल जल संबंध करने में राजस्थान में दूसरे स्थान पर है।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियन्ता सीताराम मीना ने बताया कि विभाग द्वारा जल जीवन मिशन में मुख्य परियोजनाओं के अतिरिक्त 437 गांवों में जल संबंधों की 1 लाख 41 हजार 201 स्वीकृतियां जारी की गई है तथा 96 हजार 776 जल संबंधों के लिए जिले में 316 गांवों में कार्यादेश जारी किए गए हैं। मिशन के तहत जन सहयोग सेवा के सहभागिता राशि के रूप में 36 लाख 50 हजार 692 रूपये प्राप्त हुए है। वहीं जिले के कुल 756 गांवों में से 732 गांवों में ग्राम जल स्वच्छता समितियों का गठन किया जा चुका है। वहीं 609 ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों के बैंक खाते खोले जा चुके है। इसके साथ-साथ 732 ग्रामों की ग्राम कार्ययोजनाएं ग्राम सभाओं में अनुमोदित की जा चुकी है। महिला सशक्तीकरण एवं नारी शक्ति की सक्रिय भागीदारी में बढ़ोत्तरी करने के लिए जल जीवन मिशन के तहत घरेलू जल संबंध महिला मुखिया के नाम से जारी करने का प्रावधान किया है। जेजेएम के कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विभाग द्वारा पहली बार क्वालिटी एश्योरेंस एवं क्वालिटी कन्ट्रोल मैनुअल तैयार कर जिले में लागू किया गया है। उन्होंने बताया कि स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता एक मूलभूत आवश्यकता है। हमारा लक्ष्य है कि हर घर को पर्याप्त मात्रा में निर्धारित गुणवत्ता वाला पेयजल सहज और सतत मिलता रहे।