जिले में मौसमी बीमारियां लगातार अपने पैर पसार रही है। प्रशासन की सूचनाओं से चाहे कितने भी प्रयास किये जा रहे हैं, वहीं मौसमी बीमारी और आंकड़ों में डेंगू जैसी बीमारियां गायब है। लेकिन जिला मुख्यालय पर ही लगभग हर घर में बुखार के मरीज मौजूद है।
इन दिनों मौसम परिवर्तन के बाद जिला सामान्य चिकित्सालय सहित जिले के हर सरकारी और निजी चिकित्सालयों में साथ ही चिकित्सकों के घरों पर मौसमी बीमारी के रोगियों की भीड़ देखी जा सकती है।
इनमें बुखार, सर्दी, खांसी और जुकाम जैसे रोगी हैं लेकिन सबसे अधिक रोगी बुखार से पीड़ित नजर आते हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष एवं वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. भरतलाल मथुरिया ने बताया कि ऐसा लगता है की देश कोरोना महामारी से निजात पाने की ओर बढ़ गया है।
परंतु जिले के सभी चिकित्सालयों में ओ.पी.डी. रोगियों की संख्या बढ़ गई है गांव – गांव में मौसमी बीमारी से लोग पीड़ित हैं।
सवाई माधोपुर शहर की कई कॉलोनियों में तो इसका प्रकोप हर घर में दिखाई देता है हाउसिंग बोर्ड जैसी आधुनिक कॉलोनी भी इससे अछूती नहीं है। जिससे कोरोना की आशंका तो है ही साथ ही मलेरिया डेंगू और चिकनगुनिया बीमारियों की आहट दिखाई दे रही है।
अधिकांश रोगियों में जांच करने पर न तो मलेरिया आता है न हीं डेंगू और चिकनगुनिया आता है परंतु प्लेटलेट निश्चित रूप से कम आती है और टीएलसी श्वेत रक्त कणिकाएं भी कम आती है। अर्थात वायरल बीमारी का प्रकोप दिखाई देता है।
हल्की सर्दी जुकाम के साथ थकावट, बुखार, सर दर्द, जोड़ों में दर्द, पैरों में, हाथ में, चेहरे पर ललाई के साथ सूजन और घबराहट होती है जो कि सामान्य उपचार के बाद भी ठीक नहीं हो पा रही। इनसे पीड़ित व्यक्ति डेढ़ से दो महीने तक परेशान रहता है। हाई ब्लड प्रेशर डायबिटीज या अन्य लंबी बीमारी वाले रोगियों को तो विशेष रुप से चलने फिरने में दिक्कत होती है। ऊकडू बैठ नहीं सकते।
भाजपा जिलाध्यक्ष ने जिला प्रशासन, नगर परिषद प्रशासन व चिकित्सा विभाग से रोगों की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन शहरों व गांवों के संग के साथ साथ स्वच्छता अभियान चलाने, पानी से भरे हुए गड्ढे और नालियों को तुरंत ठीक करवा कर मच्छरों को पनपने से रोकने, सभी शहरों व गांव में घनी बस्तियों में कीटनाशक दवा का स्प्रे, फॉगिग तुरंत शुरू करवाने, तुरंत उपचार के लिए सर्वे के साथ-साथ, बीमारी का प्रकार और कारण जानने के लिए एपिडेमियोलॉजिकल मेडिकल टीम गठित करने की मांग की है।