विशिष्ट शासन सचिव एवं मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. समित शर्मा ने शासन सचिवालय में आयोजित वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रदेशभर में लेबर रूम की व्यवस्थाओं, चिकित्सकों, स्टाफ के व्यवहार, मानव संसाधन की उपलब्धता आदि को लेकर राज्य स्तर से किये गये निरीक्षण में सामने आये गैप्स को दूर करने हेतु किये गये प्रयासों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
इस वीडियो कांफ्रेंस में चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डिप्टी सीएमएचओ, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी, बीसीएमओ, सीएचसी प्रभारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक एवं ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधक एनएचएम मौजूद थे। सवाई माधोपुर जिले के सीएमएचओ डाॅ. तेजराम मीना, डिप्टी सीएमएचओ डाॅ. दौलत राम यादव, डीआरसीएचओ डाॅ. सुरेश चंद जैन, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुधीन्द्र शर्मा व समस्त बीसीएमओ व सीएचसी प्रभारी मौजूद रहे।
मिशन निदेशक ने सभी अधिकारियों व कार्मिकों को स्वयं की जिम्मेदारी को समझते हुये मरीजों को गुणवत्तापूर्ण आवश्यक स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने लेबर रूम में स्टेंडर्ड क्लीनिकल प्रोटोकाल्स के बारे में सभी को जानकारी रखने के साथ ही उनकी पालना के साथ ही प्रसव सखी की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने प्रसव के बाद चिकित्सकीय या सपोर्टिंग स्टाफ द्वारा प्रसूता के परिजनों से बधाई के नाम पर किसी भी तरह के उपहार या नकद राशि का लेन-देन पाये जाने पर संबंधित कार्मिक के विरुद्ध सख्त कार्यवाही अमल में लाने के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने चिकित्सा संस्थानों को डिलेवरी प्वाईंट के रूप में विकसित करने की आवश्यकता प्रतिपादित की। उन्होंने कहा कि किसी भी चिकित्सा संस्थान में ओपीडी के अतिरिक्त मातृ स्वास्थ्य एवं शिशु स्वास्थ्य सेवायें प्रदान किया जाना बहुत महत्वपूर्ण है।
मिशन निदेशक ने बताया कि फरवरी माह की तर्ज पर राज्य स्तरीय टीमों द्वारा फिर से सभी जिलों में 13 से 15 मार्च तक निरीक्षण अभियान संचालित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि फरवरी माह में हुये निरीक्षण में सामने आये गैप्स को दूर करने के प्रयासों का निरीक्षण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस दौरान कमियां पाये जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही भी अमल में लायी जायेगी।