आचार्य नानेश शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय, कुस्तला सवाई माधोपुर में विश्व हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम प्रभारी ने बताया कि हिन्दी भाषा को 14 सितम्बर 1949 को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त हुआ था, इसलिए इस दिन को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है तथा हिन्दी हमारी मातृ भाषा है। आज सभी विभागों में केवल औपचारिकता मात्र में हिन्दी भाषा में समस्त कार्य किये जाते है और समस्त कार्य अंग्रेजी में ही हो रहे है। और हिन्दी पखवाड़ा मनाते है। जो कि औचित्यहीन है।
कार्यक्रम में बी.एड. द्वितीय वर्ष की छात्राध्यापिकाओं कविता महावर, किरण कुमारी रैगर, अंजली यादव, पूजा बैरवा, स्नेहा शर्मा, आरती मीना तथा प्रियंका सैनी ने हिन्दी रूग्णता एवं विकास पर एक नाटक का मंचन किया। बी.एड. प्रथम वर्ष की छात्राध्यापिका संध्या मीणा, गंजन चेतिवाल, प्रीति चावला, मनीषा गुर्जर, निकिता जांगिड़, मोनिका वर्मा, दिव्या गुर्जर, सारिका जैन, नीतू जाटवा एवं बी.एड. द्वितीय वर्ष की छात्राध्यापिका पूजा कुमारी बैरवा, इन्द्रा कमारी वर्मा, हर्षिता मथुरिया, निशा बैरवा आदि ने विश्व हिन्दी दिवस पर अपने विचार कविता व भाषण के माध्यम से प्रस्तुत किये।
समस्त छात्राध्यापिकाओं ने उच्च स्वर में “भारत की नई आशा है, हिन्दी हमारी राष्ट्र भाषा है। महाविद्यालय के निदेशक मुकेश जैन ने हिन्दी भाषा के महत्व को बताते हुए व्यक्तित्व निर्माण में योगदान बताया। हिन्दी भाषा के साहित्य कोष को विस्तार से बताया। दैनिक जीवन के वाग्व्यवहार में हिन्दी को अपनाने पर जोर दिया। प्राचार्य डॉ. निधि जैन ने बताया कि हिन्दी दिवस को मात्र औपचारिक रूप से न मनाकर मातृभाषा को प्रतिदिन बोलने पर जोर दिया। तथा महात्मा गाधी ने कहा कि हिन्दी को अपनाओगें तभी राष्ट्र सशक्त बनेगा।
आज देश के विखण्डन में भाषावाद प्रमुख कारण है। इसका समसामयिक उदाहरण तेलंगाना राज्य है। कार्यक्रम का मंच संचालन छात्राध्यापिका पुष्पा सैनी व कल्पना मीना ने किया। इस प्रकार कार्यक्रम के अन्त में संस्था प्राचार्य एवं निदेशक ने सभी व्याख्यातागणों एवं सभी छात्राध्यापिकाओं को धन्यवाद दिया एवं हिन्दी भाषा को प्रेरित करने हेतु नारे लगवाकर कार्यक्रम के समापन की घोषणा की।