राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार श्वेता गुप्ता सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सवाई माधोपुर ने आज मंगलवार को त्रिनेत्र बालगृह और कृष्णपुरम कॉलोनी सवाई माधोपुर का निरीक्षण किया गया। श्वेता गुप्ता सचिव ने बालगृह के निरीक्षण के दौरान स्टॉप की स्थिति, संस्था में स्नानघर, शौचालय, शयनगार की सुविधा, संस्था में रसोईघर, भोजनकक्ष, की साफ-सफाई, संस्था में आवासित बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के संबंध में जानकारी और बच्चों के स्वास्थ्य जांच हेतु डॉक्टर की विजिट आदि के संबंध में पूछताछ कर जांच की गई। बच्चों के आवासीय परिसर में शिकायत पेटी की उपलब्धता, बच्चों का पूरे दिवस का शिड्यूल मय विवरण, मनोरंजन के साधन और शिक्षा आदि की जांच की गई। कोविड-19 को मध्यनजर रखते हुए सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए समय-समय पर बालगृह को सेनेटाईज करने, मास्क/फेस मास्क का प्रयोग करने आदि के संबंध में निर्देश प्रदान किये गए। साथ ही श्वेता गुप्ता ने उपस्थित बच्चों को नालसा की बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं और उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाएं योजना 2015 की जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण और सभी स्तरों पर बच्चों के कानूनी झगड़ों के लिए विधिक प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करना, किशोर न्याय प्रणाली में एक माहौल तैयार करना जिसमें बच्चो को महत्व दिया जाए, उन्हें प्रोत्साहित किया जाए, बाल अधिकारों और उनकी सुरक्षा पर उपलब्ध बाल सुरक्षा सेवाओं के बारे में बड़े पैमाने पर जनता को शिक्षित करने के लिए सभी हित धारकों के लिए जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करना है।
इसी प्रकार नालसा की असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए विधिक सेवाएं योजना 2015 की जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना का उद्देश्य सभी असंगठित कामगारों तक आवश्यक विधिक सेवाओं को संस्थागत बनाना एवं कामगारों को योजना के लाभो को प्राप्त करने में सहायता देना जिनके लिए वे अपनी योग्यता अनुसार पंजीकृत है। नालसा वरिष्ठ नागरिकों के लिए विधिक सेवा योजना 2016 के बारे में बताया कि वरिष्ठ नागरिकों के संरक्षण की आवश्यकता पर विचार करते हुए माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 अधिनियमित किया गया। इस अधिनियम के तहत माता-पिता चाहे वे जैविक, दत्तक अथवा सौतेले हो और वरिष्ठ नागरिक जिसने 60 वर्ष या उससे अधिक की आयु प्राप्त कर ली हो, के द्वारा भरण-पोषण हेतु आवेदन किया जा सकता है। वरिष्ठ नागरिक जिस व्यक्ति की देखभाल और संरक्षण में है, उसके द्वारा वरिष्ठ नागरिक को परित्यक्त कर देना एक दण्डनीय अपराध है जिसमें अधिकतम 3 माह की कैद अथवा 5000/-रूपये जुर्माना अथवा दोनों हो सकते है। इस दौरान संस्था की अधीक्षक माया शर्मा, हरिश उपाध्याय प्रबन्धक, गृहमाता रानी शर्मा, काउंसलर पूजा सैनी और गृहपिता सतीश शर्मा सहित अन्य स्टॉफ उपस्थित थे।