एक दौर था जब संदेशों का आदान प्रदान पत्रों के माध्यम से होता था। परदेश गए अपनों के पत्रों का बेसब्री से इंतजार हुआ करता था। इधर संचार क्रान्ति के पश्चात संदेश के इस माध्यम की महक जैसे फीकी पड़ने लगी। पिछले पन्द्रह-बीस वर्षों से मोबाईल क्रान्ति, उसके बाद सोशल …
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