Thursday , 3 April 2025
Breaking News

राजस्थान सरकार से बड़े हो गए टोल प्लाजा, नियमों की उड़ा रहे धज्जियां

अधिस्वीकृत पत्रकार को टोल पर छूट के बावजूद जबरन की अ*वैध टोल वसूली

कोटा: राजस्थान सरकार द्वारा स्टेट हाईवे पर जहां विशिष्ट श्रेणी को टोल नाकों पर छूट दी गई हो, लेकिन टोल नाकों का संचालन करने वाले जिम्मेदारों की हरकतें देखकर ऐसा लग रहा है जैसे वह राजस्थान की सरकार से भी बड़े हो गए हैं, उन्हें सरकार के निर्देशों से कोई लेना देना नहीं है और वे मनमानी कर जबरन अ*वैध वसूली पर उतर आए हैं। ऐसा ही मामला रविवार को एक पत्रकार के साथ देखने को मिला। कोटा के एक अधिस्वीकृत पत्रकार ने बताया कि वह कोटा से केशवरायपाटन जा रहे थे, इसी दौरान कोटा लालसोट मेगा हाईवे पर गुडला व गुडली के बीच स्थित टोल प्लाजा पर पहुंचे, जहां उन्होंने अपना अधिस्वीकृत पत्रकार का कार्ड टोलकर्मी को दिखाया।

 

 

Toll plazas have become bigger than Rajasthan government in kota

 

 

जिस पर टोलकर्मी ने अधिस्वीकृत पत्रकार को कार्ड पर टोल टैक्स पर छूट देने से साफ इनकार कर दिया। जब पत्रकार ने टोलकर्मी से अधिस्वीकृत पत्रकारों को राजस्थान सरकार द्वारा स्टेट हाईवे के टोल टैक्स पर छूट देने के नियमों का हवाला दिया तब भी टोलकर्मी ने ऐसी कोई छूट देने से मना कर दिया। उसके बाद पत्रकार से 97 रूपये की अ*वैध रूप से वसूली कर ही आगे जाने दिया। इस मामले में पत्रकार द्वारा दूसरे दिन राजस्थान संपर्क पोर्टल पर परिवाद दर्ज कराने के साथ टोल प्लाजा की कंपनी रीडकोर के मैनेजर को फोन पर अपनी आपबीती बताने पर उन्होंने टोल प्लाजा के मैनेजर को आगे से पत्रकारों के मामले में ध्यान रखने की बात कही।

 

 

 

 

लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिरकार नियमों की पालना सुनिश्चित नहीं करने पर अ*वैध वसूली पर कार्यवाही कौन करेगा। इस पर कोटा के ही एक वरिष्ठ पत्रकार ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अधिकतर टोल प्लाजा का संचालन प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से राजनेताओं के संरक्षण में हो रहा है, जिसके चलते इन टोला प्लाजा संचालकों के हौंसले बुलंद हैं, साथ ही इन टोल टैक्स पर कार्यरत कुछ तथाकथित कर्मचारियों का पुलिस वेरीफिकेशन भी नहीं होता, जिसके चलते आ*पराधिक किस्म के लोग भी यहां काम करते हैं, जो कि अ*वैध वसूली करने के साथ ही लोगों से अ*भद्रता व मा*रपीट करने तक से गुरेज नहीं करते।

 

 

 

 

पत्रकार ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे अराजकता वाली घटना करार देते हुए कहा है कि यह पूरी तरह से जंगलराज जैसा लगता है, उन्होंने बताया कि स्टेट हाईवे के सभी टोल नाकों पर विशिष्टजनों की सूची में अधिस्वीकृत पत्रकारों को छूट देने का नियम स्पष्ट लिखा हुआ है, बावजूद इसके टोलकर्मी द्वारा दा*दागिरी कर जबरन अ*वैध वसूली भ्रष्टाचार और खुली गुण्डागर्दी की श्रेणी में आता है। ऐसे में सवाल यह है कि राज्य सरकार के द्वारा बनाए गए नियमों की पालना कौन करवाएगा।

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार को इसे गंभीरता से लेते हुए उक्त टोल प्लाजा के खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। गौर करने वाली बात यह है कि यह अ*वैध वसूली का मामला भ्रष्टाचार की श्रेणी में मानने योग्य बनता है जिस पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और लोकायुक्त को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए। इस मामले में एक वरिष्ठ पत्रकार का तर्क है कि अक्सर सुनने में आता है कि घर पर खड़ी गाड़ी का टोलटैक्स कट गया। लेकिन इस घटना में तो पत्रकार को छूट का नियम होने के बावजूद सरेआम दा*दागिरी कर अ*वैध रूप से टोल वसूली जिंदा मक्खी निगलने जैसा खुल्लम-खुल्ला भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है, उन्होंने कहा कि इस टोलटैक्स की जांच हो तो और भी गड़बड़ियां सामने आ सकती हैं।

 

 

 

 

इस मामले में पत्रकार का कहना है कि टोल मुक्त वाहनों की सूची में शामिल होने के बावजूद राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत पत्रकारों से टोल राशि की अ*वैध वसूली के मामले पहले भी सामने आते रहे हैं, इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उक्त टोल प्लाजा के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की जाएगी। साथ ही कोटा व बूंदी जिले के जिला कलेक्टर व संभागीय आयुक्त को भी शिकायती पत्र भी सौंपकर पूरे मामले की जानकारी दी जाएगी। एक वरिष्ठ पत्रकार ने इस मामले में करौली का मामला बताते हुए कहा कि ऐसा ही एक मामला करौली में लगभग चार वर्ष पूर्व हुआ था, जहां टोलकर्मी द्वारा एक अधिस्वीकृत पत्रकार से टोल मुक्त वाहनों की सूची में शामिल होने के बावजूद 65 रूपये की जबरन अ*वैध वसूली की।

 

 

 

 

पत्रकार द्वारा इस मामले में तत्कालीन जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग को शिकायत भेजी। जिसके बाद तत्कालीन आरएसआरडीसी के परियोजना निदेशक शिवस्वरूप मीणा ने उक्त टोल संचालक पर 25 हजार रूपये का जुर्माना आरोपित किया। साथ ही भविष्य में टोल कार्मिकों को पत्रकार से वसूली के दौरान सद्व्यवहार के लिए भी पाबंद करने के लिए कंपनी को कड़े निर्देश दिये।

 

जानकारी के अनुसार राजस्थान सरकार द्वारा स्टेट हाईवे पर पत्रकारों के अलावा कई अन्य विशिष्ट जनों को भी छूट दी गई है। इनमें सैन्यकर्मी, पुलिस अधिकारी, सरकारी अधिकारी, विकलांग व्यक्ति, अपंग व्यक्ति, विधायक, मंत्री, न्यायाधीश, सांसद, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री, विधानसभा के सदस्य, लोकसभा के सदस्य, राज्यसभा के सदस्य, सेवानिवृत्त न्यायाधीश, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी शामिल हैं।

About Vikalp Times Desk

Check Also

Earthquake in Myanmar News update 29 March 2025

म्यांमार में 1002 लोगों की हुई मौ*त, 2300 से अधिक लोग घायल

म्यांमार: म्यांमार में शुक्रवार को आए भूकंप के कारण अब तक कम से कम 1002 …

The third installment for Hajj Pilgrimage-2025 will be deposited by April 3

हज यात्रा-2025 के लिए तीसरी किस्त 3 अप्रैल तक होगी जमा

जयपुर: हज कमेटी ऑफ इंडिया, मुंबई द्वारा सूचित किया गया है कि अन्तर्राष्ट्रीय सांगानेर एयरपोर्ट, …

More than 37 thousand units removed from food security list in jaipur

खाद्य सुरक्षा सूची से हटाई गई 37 हजार से अधिक यूनिट्स

जयपुर: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने वाले अपात्र व्यक्ति के लिये …

After Myanmar and Thailand, now earthquake hit this country too

म्यांमार और थाईलैंड के बाद अब इस देश में भी आया भूकंप

अफ़ग़ानिस्तान: म्यांमार और थाईलैंड के बाद अब अफ़ग़ानिस्तान में शनिवार की सुबह लगातार दो भूकंप …

Maharaja Surajmal Brij University Bharatpur Vice Chancellor suspended

महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय भरतपुर के कुलपति निलम्बित

जयपुर: राज्यपाल एवं कुलाधिपति हरिभाऊ बागडे ने शुक्रवार को आदेश जारी कर महाराजा सूरजमल बृज …

error: Content is protected !! Contact Vikalp Times Team !