गर्मी की दस्तक के साथ ही लोगों को गला तर करने के लिए शीतल पेय पदार्थों की दुकानें सजने लगी है। यही वजह है कि जिला मुख्यालय सहित प्रमुख चौराहों पर तरह-तरह पेय पदार्थ वाली दुकानें सज गई हैं।
मार्च के अंत में ही गर्मी अपना रूप दिखाने लगी है। धूप व उमस भरी गर्मी के थपेड़ों से बचने के लिए छात्र से लेकर राहगीर भले ही सिर ढ़कने के लिए गमछा आदि का प्रयोग करने लगे हैं। हालत यह है कि थोड़ी दूरी का सफर तय करने के बाद गला सूख जाता है। जिसे तर करने के लिए लोग शीतल पेय पदार्थ का सेवन करते हैं। गर्मी बढ़ने एवं लोगों की प्यास को मिटाने के लिए मुख्य चौराहों पर जगह-जगह दुकान व स्टॉल नज़र आएंगी। बील, गन्ना जूस, नींबू-पानी सहित पेय पदार्थों कि मांग बढ़ी हुई है।
जूस की दुकान लगाने वाले ने राधेश्याम ने बताया एक दिन में करीब तीन से साढ़े तीन सौ से की बिक्री हो जाती है। जूस के दाम में भी मंहगाई का असर देखने को मिल रहा है। पिछले वर्ष 10 रूपए मिलने वाला जूस गिलास इस बार 12 रूपए या 15 रुपए में मिल रहा है। वहीं गन्ने का रस बेचने वाले हनुमान प्रसाद ने बताया कि 10-15 रूपए प्रति गलास की दर से बिक्री हो रही है। ग्रामीण व राहगीरों ने बताया कि गर्मी के इस मौसम जूस न केवल गला तर करता है, बल्कि पेट भी सही रखता है। वहीं गन्ने का रस पी रहे राजीव प्रसाद, गणेश कुमार ने बताया रस में पुदीना की पत्ती का रस मिलाकर पीने से पेट खराबी की शिकायतें भी कम हो जाती है। जैसे-जैसे मौसम और गर्म होगा, ऐस में पदार्थों की बिक्री में भी और तेजी आएगी।