विभिन्न विभागों के कार्यों की साप्ताहिक समीक्षा बैठक हुई आयोजित
जिला कलेक्टर डाॅ.एस.पी.सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में विभिन्न विभागों के कार्यो की प्रगति के संबंध में साप्ताहिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
बैठक में कलेक्टर डाॅ. सिंह ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी अधिकारी समर्पित होकर पूरी सक्रियता के साथ एक्टिव मोड में रहकर आम जन की समस्याओं का समाधान करें। उन्होंने सभी अधिकारियों को पैंडेन्सी शून्य करने तथा मीटिंग में आने से पूर्व संबंधित बिंदूओं पर रिव्यू एवं तैयारी के साथ आने के निर्देश दिए। बैठक में सम्पर्क पोर्टल पर लम्बित प्रकरणों पर नाराजगी जताते हुए उनके निस्तारण हेतु सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया।
समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने जिला स्तरीय अधिकारियों से कहा कि 9 नवम्बर तक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में चल रहे विधिक सेवा सप्ताह की गतिविधियों में सक्रियता के साथ भाग लेकर लोगों को योजनाओं से लाभांवित करें।
बैठक में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता को सडकों की मरम्मत कार्य 30 नवम्बर तक गुणवत्ता के साथ पूरा करवाने, शिक्षा विभाग के अधिकारियों से पौधारोपण अभियान के तहत लगाए गए पौधों की सुरक्षा एवं उन्हें जीवित रखने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने, बरसात से क्षतिग्रस्त भवनों में बालकों को बिठाकर अध्ययन नहीं करवाने के साथ ही इसकी सूचना भिजवाने, बिजली निगम के अधीक्षण अभियंता को वन क्षेत्र से सटे गांवों में दिन के समय थ्री फेज बिजली सप्लाई के संबंध में यथोचित प्रयास कर कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होने पेयजल के संबंध में निर्माणाधीन 47 योजनाओं के कार्य की प्रगति समीक्षा की, गंगापुर में चंबल से पानी की सप्लाई के संबंध में चर्चा कर निर्देश दिए। इसी प्रकार जिले में डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस एवं अन्य मौसमी बीमारियों के संबंध में फीडबैक प्राप्त कर प्रीवेन्टिव मेजर के संबंध में समीक्षा की। बैठक में कलेक्टर ने चिकित्सा संस्थानों में दवाईयों की उपलब्धता, संसाधन, उपकरणों की समुचित उपलब्धता रखने के संबंध में निर्देश दिए।
बैठक में कृषि विभाग एवं डीआर काॅऑपरेटिव को खाद एवं उर्वरकों की उपलब्धता रखने के निर्देश दिए। कृषि विभाग के अधिकारी से रबी की फसल की बुआई तथा सबसिडी वाले बीज के वितरण के संबंध में जानकारी प्राप्त की। इसके साथ ही कलेक्टर ने पशुपालन विभाग को गांवों में पेस्टीसाइड्स के छिडकाव के निर्देश भी दिए।
कलेक्टर ने नगर परिषद आयुक्त कोे सफाई व्यवस्था, नगरीय क्षेत्र में कपडे के थेले वितरण तथा पाॅलिथीन एकत्र करने के संबंध में चर्चा कर निर्देश दिए।
बैठक में एसडीएम सवाई माधोपुर रघुनाथ, सीएमएचओ डाॅ. तेजराम मीना, नगर परिषद आयुक्त रविन्द्र यादव, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता, बिजली निगम के अधीक्षण अभियंता, डीईओ माध्यमिक, प्रारंभिक सहित, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक अशोक गौत्तम सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्ट्रेट के अनुभागों के कार्यो की समीक्षा बैठक हुई आयोजित
जिला कलेक्ट्रेट के विभिन्न अनुभागों की समीक्षा बैठक जिला कलेक्टर डाॅ.एस.पी. सिंह की अध्यक्षता में कलेक्टर कक्ष में आयोजित हुई। बैठक में जिला कलेक्टर डाॅ. एस.पी.सिंह ने अनुभाग प्रभारियों से कार्यों की साप्ताहिक प्रगति के संबंध में जानकारी ली तथा अनुभागों में बकाया प्रकरणों का निस्तारण समय पर कर पैंडेन्सी शून्य करने के निर्देश दिए।
जिला कलेक्टर डाॅ. सिंह ने सभी अनुभाग प्रभारियों को निर्देश दिए कि वे आम जन के कार्यो को त्वरितता से निस्तारित करें। उन्होंने कहा कि कोई अनुभाग अपने से संबंधित कार्यो को लम्बित न रखें। बैठक में कलेक्टर डाॅ. सिंह ने मलारना डूंगर उपकोष कार्यालय के कार्याे एवं की व्यवस्था की सराहना करते हुए कोषाधिकारी को अन्य उप कोष में भी इसी प्रकार की व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। बैठक में जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी अधिकारी को निर्देश दिए कि जिन पंचायतों में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत कार्याे के लिए मस्टरोल जारी नहीं की गई है, तुरंत मस्टरोल जारी कर कार्य शुरू करवाएं जाएं।
बैठक में कलेक्टर ने मुख्यमंत्री सहायता कोष, मनरेगा कार्य, जल शक्ति अभियान की प्रगति, लोकायुक्त के समक्ष लम्बित प्रकरण, विधानसभा प्रश्नों की स्थिति, सामाजिक सुरक्षा पेंशन के भुगतान की स्थिति, राशन एवं खाद्यान्न वितरण, जलग्रहण एवं भू-संरक्षण, न्यायिक कार्य आदि के संबंध में विस्तृत चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए। इसी प्रकार संपर्क पोर्टल पर पैंडेन्सी को कम करने तथा शिकायतों का निस्तारण करने के निर्देश भी दिए।
इस मौके पर जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामचंद्र, सवाई माधोपुर एसडीएम रघुनाथ, कोषाधिकारी राजेन्द्र जैन सहित अन्य अधिकारी एवं अनुभाग प्रभारी उपस्थित थे।
फसल अवशेषों को खेतों में जलाने पर होगी कार्यवाही
किसानों द्वारा फसल कटाई के उपरांत खेत में शेष रहे फसल के अवशेषों को खेत में ही जला दिया जाता है। ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में जिला कलेक्टर डाॅ. एस.पी.सिंह ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सभी उपखंड अधिकारी, विकास अधिकारी एवं कृषि विभाग के उप निदेशक को माॅनिटरिंग करने एवं कार्यवाई के निर्देश दिए है।
जिला कलेक्टर डाॅ. सिंह ने बताया कि किसानों द्वारा कटाई के बाद शेष रहे फसल अवशेषों को खेत में ही जलाने, या निकटतम ईंट भट्टें आदि में जलाने के लिए भेजे जाने से भूमि एवं वायु प्रदूषण होता है। जो कि क्षेत्र की सूक्ष्म कृषि परिस्थिति तथा मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त हानिकारक है। इसे राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) एवं केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा इसे गंभीरता से लिया जाकर इस परिपाटी को रोकने के लिए निर्देशित किया है। जिला कलेक्टर ने बताया कि पर्यावरण विभाग राजस्थान सरकार द्वारा उक्त फसल अवशेष को जलाने की अधिसूचना 27 अगस्त 2015 से वायु प्रदूषण एवं रोकथाम अधिनियम 1981 की धारा 19(5) के तहत प्रतिबंधित किया गया है। इसका उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अनुसार दो एकड से कम भूमि वाले किसानों पर 25 सौ रूपए तथा दो एकड से 5 एकड वाले किसानों पर पांच हजार रूपए तथा पांच एकड से अधिक भूमि होने वाले पन्द्रह हजार रूपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। इस संबंध में कलेक्टर ने फसल अवशेष जलाने से उत्पन्न वायु प्रदूषण के मानवीय स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव को रोकने के लिए मीडिया एवं रात्रि चैपाल, किसान संगोष्ठियां एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से आमजन को जागरूक करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए है। जिससे इस तरह की गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके।