नई दिल्ली: जातिगत जनगणना को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक बयान पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मंगलवार को एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है कि इन आरएसएस और बीजेपी वालों का कान पकड़कर, दंड बैठक कराके इनसे जातिगण जनगणना कराएंगे।
इनकी क्या औकात है, जो जातिगत जनगणना नहीं कराएंगे। लालू प्रसाद यादव ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि, “इन्हें इतना मजबूर करेंगे कि जातिगत जनगणना करनी ही पड़ेगी। दलित, पिछड़े, आदिवासी और गरीब की एकता दिखाने का समय अब आ गया है।
जातिगत जनगणना को लेकर आरएसएस ने क्या कहा था?
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने केरल में जातिगत जनगणना पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा था कि ये एक संवेदनशील मुद्दा है। सुनील आंबेकर ने कहा कि इस मामले में आरएसएस टिप्पणी कर चुका है। हमारे हिंदू समाज में जाति और जातीय संबंध एक संवेदनशील मुद्दा है। ये राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए महत्वपूर्ण मुद्दा है।
इससे गंभीरता से निपटा जाना चाहिए, ना कि केवल चुनाव या राजनीति के लिए। उन्होंने कहा कि आरएसएस ऐसा मानना है कि कल्याणकारी योजनाओं के लिए उन जातियों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, जो पिछड़ रही हैं। ऐसे में अगर सरकार को संख्या की जरूरत पड़ती है, तो वो उसे (संख्या) ले सकती है। ऐसा सरकार ने पहले भी किया है।
कांग्रेस ने क्या कहा:
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस मामले में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना को लेकर आरएसएस ने जो कहा उससे कुछ बुनियादी सवाल उठते हैं। उन्होंने लिखा है कि क्या आरएसएस के पास जातिगत जनगणना का निषेधाधिकार है? आरएसएस जातिगत जनगणना पर इजाजत देने वाला कौन होता है?”