Wednesday , 24 July 2024

100 यूनिट फ्री बिजली योजना बंद!

जयपुर: राजस्थान सरकार ने प्रदेश में मिल रही मुफ्त में बिजली योजना को बंद कर दिया है। फ्री बिजली की योजना को बंद करने का मुद्दा विधानसभा में उठा है। विपक्ष के विधायकों ने सरकार के इस फैसले को लेकर सवाल पूछा है। बता दें कि राजस्थान में अशोक गहलोत की पिछली कांग्रेस सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट फ्री बिजली देने की योजना शुरू की थी।

 

लेकिन भजन लाल सरकार ने कहा कि इस योजना को अब आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। इस सप्ताह प्रदेश के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर द्वारा विधानसभा में फ्री बिजली योजना को बंद करने की घोषणा की गई थी।

 

 

100 units free electricity scheme discontinued in rajasthan!

 

 

 

 

विधानसभा में विपक्ष के विधायकों ने सरकार से पूछा सवाल: 

राजस्थान विधानसभा में बीएसपी विधायक मनोज न्यांगली ने सरकार से फ्री बिजली योजना को बंद करने के बारे में सवाल किया। इसके जवाब में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि वर्तमान में नए उपभोक्ताओं को 100 यूनिट फ्री बिजली नहीं दी जाएगी। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सरकार का अभी विद्युत उपभोग चार्ज के अतिरिक्त शुल्क और करों को कम करने का विचार नहीं है।

 

बीएसपी विधायक मनोज न्यांगली ने इसके बाद एक पूरक प्रश्न करते हुए आरोप लगाया है कि राजस्थान की जनता के साथ भेदभाव किया जा रहा है। इसका जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री नागर ने कहा कि भेदभाव उनकी सरकार नहीं कर रही है, बल्कि भेदभाव पिछली सरकार ने ही किया है, जिसने फ्री बिजली के लिए रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता रखी थी।

 

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने विपक्ष से किए सवाल:

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि प्रदेश में 1 करोड़ 29 लाख उपभोक्ता हैं। वर्तमान में 98 लाख 23 हजार को फ्री बिजली योजना का लाभ दिया जा रहा है। प्रदेश में बिना रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं की संख्या 30 लाख है। ऐसे में पिछली सरकार की मंशा होती तो सभी उपभोक्ताओं को फ्री में बिजली दी जाती। कांग्रेस सरकार ने रजिस्ट्रेशन का राइडर रखा।

 

 

 

इसके बाद विधायक मनोज न्यांगली ने कहा कि “अब आपकी सरकार है, तो आप रजिस्ट्रेशन शुरू करिए”। विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार फ्यूल सरचार्ज कम करने की जगह इसे बढ़ाना चाहती है। ऊर्जा मंत्री ने इसका जवाब देते हुए कहा कि राजस्थान सरकार 200 यूनिट तक वाले उपभोक्ताओं का फ्यूल सरचार्ज वहन कर रही है।

 

 

इसी चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि एक प्रदेश दो कानून नहीं चल सकते। आधे को दिया जा रहा है, और आधे को नहीं, यह भेदभाव ही तो है। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने इस पर पलटवार करते हुए सवाल किया कि “अगर आपकी सरकार की मंशा थी तो आपने रजिस्ट्रेशन का दायरा क्यों रखा?”

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