राजस्थान से डॉ. मधुमुकुल चतुर्वेदी राष्ट्रीय अधिवेशन में होंगे सम्मानित
देश की संविधान सम्मत सभी भाषाओं के उन्नयन एवं विकास के लिए समर्पित वैश्विक संस्था अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति का तीन दिवसीय सोलहवां राष्ट्रीय अधिवेशन आगामी 18 से 20 जून को विशाखापत्तनम में आयोजित किया जा रहा है। इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय अधिवेशन की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं पत्रकार प्रज्ञान पुरुष पंडित सुरेश नीरव करेंगे। अधिवेशन में देश के विभिन्न प्रांतों के प्रतिष्ठित साहित्यकार और पत्रकार सम्मिलित हो रहे हैं। इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में स्थानीय साहित्यकार तथा सेवानिवृत्त आचार्य डॉ. मधुमुकुल चतुर्वेदी को सम्मानित किया जाएगा। इस राष्ट्रीय अधिवेशन का उदघाटन विश्व विख्यात समाज वैज्ञानिक एवं सुलभ आंदोलन के जनक पद्मभूषण डॉ. विन्देश्वर पाठक करेंगे। स्वच्छता और पर्यावरण को समर्पित इस महाधिवेशन के मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध पत्रकार महेश बंसल, संपादक हरियाणा प्रदीप तथा अध्यक्षता सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं पत्रकार प्रज्ञान पुरुष पंडित सुरेश नीरव करेंगे।
इस राष्ट्रीय महत्व के अधिवेशन जो महत्वपूर्ण साहित्यकार सम्मिलित हो रहे हैं उनमें गुजरात से राजस्थान पत्रिका (सूरत व गुजरात) के संपादक प्रदीप जोशी, डॉ. राखी कटियार, कर्नाटक, बैंगलुरु से दर्शन बेज़ार, महाराष्ट्र मुंबई से ऋचा सिन्हा, राजस्थान से डॉ. मधुमुकुल चतुर्वेदी, बिहार से ऋषि सिन्हा, अवधेश प्रसाद तथा अनीता प्रसाद, मध्यप्रदेश दमोह से डॉ. प्रेमलता नीलम, और नागदा से दिनेश दवे, हरियाणा गुरुग्राम से राजेन्द्र निगम, इंदुराज निगम, छत्तीसगढ़ बिलासपुर से डॉ. बृजेश सिंह, ब्रजेश तथा दुर्ग से रमाकांत छत्रसाल वडरिया, उत्तर प्रदेश से डॉ. मधु चतुर्वेदी (गजरौला), डॉ. एल.बी., तिवारी अक्स (प्रतापगढ़), डॉ. कल्पना पांडेय (गौतम बुद्धनगर), मधु मिश्रा (ग़ाजियाबाद) तथा भारत की राजधानी दिल्ली से सविता चड्डा, अरुण कुमार पासवान और ब्रह्मदेव शर्मा के अतिरिक्त अन्य अनेक महत्वपूर्ण रचनाकार सम्मिलित होंगे। अधिवेशन में पुस्तक प्रदर्शनी, स्वच्छता और पर्यावरण विषय पर विचार संगोष्ठी, अधिवेशन में शामिल रचनाकारों की प्रमुख पुस्तकों का लोकार्पण, साहित्यिक अवदान के लिए रचनाकारों के सम्मान, अलंकरण समारोह के साथ ही राष्ट्रीय संदर्भों को समर्पित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा। अहिंदी भाषी राज्यों में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति इसी प्रकार के राष्ट्रीय अधिवेशन समय-समय पर आयोजित करती रहती है । समिति के यह प्रयास निश्चित ही राष्ट्रीय एकता के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।