चार दिवसीय संभाग स्तरीय आरोग्य मेले का आज शुभारम्भ हुआ। सवाई माधोपुर विधायक दानिश अबरार ने वन औषध पादप प्रदर्शनी का फीता काटकर मेले की औपचारिक शुरूआत की। स्थानीय विधायक तथा जिला कलक्टर डॉ. एस.पी. सिंह ने मेले में लगी सभी स्टालों का अवलोकन किया, मेले में आये आगंतुकों, चिकित्सकों व विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया। जिला मुख्यालय स्थित इन्दिरा मैदान में आयोजित 4 दिवसीय संभागीय आरोग्य मेला 12 दिसम्बर तक चलेगा। मेले का समय सुबह 11 से रात्रि 8 बजे तक है।
विधायक दानिश अबरार ने कहा कि आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपेथी के विकास के लिये उनसे व्यक्तिगत स्तर पर जो कुछ हो सकेगा करेंगे। स्थानीय विधायक निधि से भी हर प्रकार की सहायता देने को तैयार हूॅं। उन्होंने सवाई माधोपुर में इन चिकित्सा विधियों के उत्थान, विकास, नये अनुसंधान का संकल्प जताया।
जिला कलक्टर ने आयुर्वेद की विशिष्ठ चिकित्सा पद्धतियों पंचकर्म, क्षारसूत्र शल्य चिकित्सा अग्निकर्म, चर्म चिकित्सा जलौकावचारण तथा यूनानी की कपिंग थैरेपी से उपचार, मर्म चिकित्सा, व्यक्ति प्रकृति परीक्षण स्टालों पर जाकर उनके संचालकों के साथ गहन चर्चा की। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी दवायें निःशुल्क उपलब्ध हो, कोई दवा मेले में न हो और जरूरी हो तो खरीद लें लेकिन किसी भी स्थिति में ऐसी दवा न लिखें जो मेले में उपलब्ध न हो।
उन्होंने वैद्यनाथ, डाबर, हिमालया व अन्य आयुर्वेदिक दवा कम्पनियों के स्टाल संचालकों से अनुरोध किया कि वे सामाजिक सरोकार निभाते हुये मेले में अधिकतम दवायें निःशुल्क उपलब्ध करवायें। इस पर इन प्रतिनिधियों ने सहमति व्यक्त की। जिला कलक्टर ने कई मरीजों से आत्मीयता से बातचीत की तथा उनसे अनुरोध किया कि जैसे आपने इस मेले का लाभ उठाया, अपने परिचितों को भी मेले में जाने के लिये समझायें। जिला कलक्टर ने राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के पूर्व मेडिसिन प्रमुख डॉ. एम. एस. दसोरा के स्वास्थ्य की जानकारी ली तथा काफी समय तक उनसे समेकित रोग निदान पद्वति, कम से कम दवा प्रयोग से इलाज आदि विषयों पर मंथन किया।
इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग के ओएसडी, डॉ. सत्येन्द्र, मर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. पियूष, आयुर्वेद विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ, भूदेव शर्मा, उप निदेशक डॉ. इन्द्र मोहन शर्मा, सहायक निदेशक डॉ. जितेन्द्र सिंह कोठारी भी उपस्थित थे। मंच संचालन डॉ. राजेन्द्र मुद्गल ने किया। इस चार दिवसीय आरोग्य मेले में आयुष चिकित्सा पद्धतियों आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, योग एवं प्राकृतिक के द्वारा रोगियों को परामर्श एवं निःशुल्क चिकित्सा उपलब्ध करवाई जा रही है। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर द्वारा व्यक्ति की प्रकृति का परीक्षण एवं आयुर्वेद की पुरानी पद्धति नाडी परिक्षण कर रोगोपचार किया जा रहा है। मेले में आयुर्वेद वनस्पतियों से रोगोपचार एवं वनस्पति पादप अंगों के उपयोग की लाईव जानकारी दी रही है तथा दुलर्भ वनस्पति पादपों की बिक्री भी हो रही है। मेले में आयुर्वेद चिकित्सा, यूनानी चिकित्सा, होम्योपैथी चिकित्सा, वनस्पति पादपों से सरल उपचार विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिये गये। मेले का मुख्य आकर्षण शारीरिक शिक्षकों एवं योग विशेषज्ञों द्वारा सुबह 7 से 8 बजे तक योगाभ्यास तथा रोगानुसार योग प्रणायाम की व्यवस्था है।