जिले में कोरोना संक्रमण के भयावह प्रसार को रोकने में जिला प्रशासन और आमजन द्वारा बरते गए जन अनुशासन के कुछ सुखद परिणाम आए हैं लेकिन स्थितियां अभी काफी गम्भीर हैं। हम सब को आगे भी लगातार पूर्ण सतर्क रहना होगा नहीं तो हालात फिर भयावह होने में समय नहीं लगेगा। यह बात जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने आज गुरूवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही। उन्होंने बताया कि जिले के लिए खुशी की बात है कि गत 35 दिन में जिले में 6729 कोरोना पाॅजिटिव रिकवर हो चुके हैं। अप्रेल माह में कुल 5525 पाॅजिटिव मिले, इनमें से 5250 रिकवर हो गये। यानि 275 पाॅजिटिव ही इस दौरान बढ़े जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर एक साथ ज्यादा बोझ नहीं पड़ा। गुरूवार को ही जहाँ 1871 सैंपल जाॅंच में 463 पाॅजिटिव मिलें वहीं इससे दोगुने से भी अधिक 973 रिकवर हो गये। अब जिले में 2727 ही एक्टिव केस हैं। जहाँ 4 दिन पहले 45 प्रतिशत तक पाॅजिटिव आ रहे थे, गुरूवार को कुल जाॅंच में से 24.74 प्रतिशत ही पाॅजिटिव पाये गये। पत्रकार वार्ता के दौरान कलेक्टर ने कहा कि एक भी जान जाना दुखद है लेकिन कुछ मरीज लास्ट स्टेज में अस्पताल आते हैं और तब तक अपने ही विवेक से या नीम हकीम से उपचार लेते रहते हैं। इस समस्या के समाधान के लिये प्रत्येक सीएचसी पर 1-1 चिकित्सक को निर्देश दिये गये हैं कि वे अपने क्षेत्र के कोरोना पाॅजिटिव से निरंतर फीडबैक लेंगे तथा उसके स्वास्थ्य की पूरी निगरानी करेंगे। संदिग्ध कोरोना रोगी या गैर कोरोना व्यक्ति भी उससे चिकित्सकीय सलाह ले सकते हैं। जिला कलेक्टर ने बताया कि जिले के 75 प्रतिशत परिवारों का स्वास्थ्यकर्मियों, पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि से स्वास्थ्य सर्वे करवाया। 26 अप्रैल से शुरू हुए इस सर्वे में 21964 व्यक्तियों को एजिथ्रोमाइसिन, पेरासिटामोल, लिवो सिट्राजिन, जिंक सल्फेट और एस्कोर्बिक एसिड गोली की किट वितरित की गयी। इन सभी में खांसी, जुकाम, बुखार के लक्षण थे। लगभग 9 हजार लोग जिनका स्वास्थ्य थोड़ा चिन्ताजनक लगा, उन्हें पीएचसी या सीएचसी भेजकर उपचार करवाया गया, 10 हजार 170 लोगों को होम क्वारंटाइन की सलाह दी गयी। जिला कलेक्टर ने बताया कि कोटा से आये 10 हजार लीटर हाइपो क्लोराइड का जिले के प्रमुख बाजारों, सरकारी भवनों, चिकित्सा संस्थानों, बस और रेलवे स्टेशन आदि पर छिड़काव करवाया गया। वार्ता के दौरान जिला कलेक्टर ने आम जन से अपील करते हुए कहा कि वैक्सीन के साथ ही कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर से ही कोरोना की चैन को तोड़ा जा सकता है। बार-बार साबुन या सेनेटाइजर से हाथ धोना, सही प्रकार से मास्क लगाना, भीड़ – भाड़ में न जाना, शादी समारोह में जाने से बचना, सार्वजनिक स्थान पर न थूकना आदि को दैनिक व्यवहार में लाना होगा। कलेक्टर ने बताया कि पहले जिले के सैंपल जयपुर और कोटा भेजे जा रहे थे। दिसम्बर के पहले सप्ताह में जिला अस्पताल में कोरोना जाॅंच लैब शुरू हुई जिससे जल्द रिपोर्ट मिलने लगी तथा जल्द उपचार शुरू होने से लोगों को इसका लाभ मिल रहा है। अब यहाॅं आरटीपीसीआर जांच की कुल 3 मशीनें संचालित हैं जिसमें से अन्तिम 1 दिन पहले ही क्रियाशील हुई है। कलेक्टर ने बताया कि बुधवार को रिकाॅर्ड 2113 सैंपल जाॅंचें गये। मार्च के पहले सप्ताह में जहाॅं औसतन 250 सैंपल आ रहे थे अब मई में औसतन 1600 सैंपल ले रहे हैं। लैब 24 घंटे कार्यरत है, बहुत अधिक सैंपल आएंगे तो भी उसी दिन जाॅंच करने का पूरा प्रयास करेंगे। कलेक्टर ने बताया कि सभी इंसीडेंट कमांडरों को माइक्रो कंटनमेंट जोन में गाइडलाइन की सख्ती से पालना करवाने के निर्देश दिये गये हैं। हम आरोग्य सेतु एप से भी माॅनिटिरिंग कर रहें हैं कि कोई पाॅजिटिव व्यक्ति अपने घर से बाहर तो नहीं जा रहा। ऐसे व्यक्ति के खिलाफ महामारी एक्ट में कड़ी कार्यवाही करेंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिले में 142 माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए गए है। कलेक्टर ने बताया कि जिले में ऑक्सीजन और इसके बेड की समुचित उपलब्धता है। जहां भी संभव था अतिरिक्त बेड भी लगवाए गए है। वर्तमान में जिले में कुल 233 ऑक्सीजन वाले बेड हैं जिसमें से सवाई माधोपुर में 128 और गंगापुर सिटी में 105 बेड हैं। सवाई माधोपुर में 13 और गंगापुर सिटी में 11 आईसीयू कोरोना बेड हैं। इसके साथ ही गंगापुर सिटी में 5 तथा सवाई माधोपुर में 2 वेंटीलेटर बेड हैं। जिले में कुल 856 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं, इनमें से 428 भरे हुये हैं। खाली सिलेंडरों को तत्काल रिफील करवाने की व्यवस्था है। अलवर के सिनेर्जी प्लांट के साथ ही आवश्यकता पड़ने पर कलेक्टर ने व्यक्तिगत पहल कर चित्तोडगढ़ और कोटा से भी भरे हुए सिलेंडर मंगाए गये हैं। आज की स्थिति में जिले में 264 कोरोना रोगी ऑक्सीजन सपोर्ट पर तथा 35 रोगी बिना ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। सवाई माधोपुर में रोज औसतन 83 और गंगापुर में 69 सिलेंडर का उपयोग हो जाता है। जिला अस्पताल, गंगापुर सिटी उप जिला अस्पताल के साथ ही रिया अस्पताल में भी ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट संचालित हैं। तीनों प्लांट पर इंजीनियरों की 24 घंटे निगरानी ड्यूटी है ताकि मशीनें लगातार कार्य करती रहे, फिर भी आपात स्थिति के लिये दोनों शहरों में 50-50 भरे हुए ऑक्सीजन सिलेंडरों का बफर स्टाॅक है।
जिला अस्पताल में पाइपलाइन से 72 और सिलेंडर से 53 बेड अटैच हैं। यहाॅं कोरोना बेड की कोई कमी नहीं है। बुधवार को भी 11 ऑक्सीजन बेड खाली थे। जिले में आज तक एक भी कोरोना रोगी ऑक्सीजन की कमी से नहीं मरा, न ही किसी भी क्षण हमारे पास ऑक्सीजन की कमी आयी। जिला अस्पताल के पीएमओ के आइसोलेशन पर चले जाने के बाद 3 चिकित्सकों की समिति अस्पताल की व्यवस्था संभाल रही है। जिला कलेक्टर ने एक बार फिर सभी से अपील की है कि ऑक्सीजन के खाली या भरे सिलेंडरों का भंडारण न करें, इन पर पहला हक बीमार का है। किसी भी व्यक्ति या अस्पताल के पास ये हैं तो तत्काल प्रशासन या सीएमएचओ/पीएमओ को अधिग्रहित करवा दें। कलेक्टर ने बताया कि जिले में बुधवार-गुरूवार की रात्रि को 40 रेमडेसिविर इन्जेक्शन आये हैं। किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल में भर्ती मरीज को इस इन्जेक्शन की आवश्यकता होने पर सम्बंधित अस्पताल प्रशासन अपनी ई-मेल से हमारी डेडिकेटेड ईमेल पर मांग भेजता है। अस्पताल मरीज की हालत को देखते हुए प्राथमिकता क्रम में मांग भेजता है। हमने निजी अस्पताल की मांग के परीक्षण, मरीज की हालत चैक करने तथा इन्जेक्शन उसी मरीज को लगना सुनिश्चित करने के लिये विशेषज्ञों की टीम गठित कर रखी है। इस इन्जेक्शन को मरीज को लगाते समय नर्स द्वारा फोटो या वीडियो बनाना भी आवश्यक कर दिया है ताकि परिजन को विश्वाश रहे कि यही इन्जेक्शन लगा है। निजी अस्पताल सीधे कम्पनी से भी यह इन्जेक्शन खरीद सकते हैं। यदि जाॅंच में सामने आया कि उन्होंने जिस मरीज के लिये सरकारी पूल से यह इन्जेक्शन लिया, उसे निजी कम्पनी से सीधे खरीदा इन्जेक्शन लगा दिया या आवंटित इन्जेक्शन दूसरे रोगी को लगाया तो अस्पताल पर कड़ी कार्यवाही होगी। कलेक्टर ने बताया कि जिले के युवाओं को जल्द ही वैक्सीन लगना शुरू हो जाएगी। जिले में 85 प्रतिशत हैल्थ वर्कर और 80 प्रतिशत फ्रंट लाइन वर्कर को वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं। जिला कलेक्टर ने बताया कि लोगों की समस्याएं सुनकर समुचित समाधान करवाने के लिए हेल्प डेस्क, वार रूम, नियंत्रण कक्ष आदि सातों दिन 24 घंटे कार्यरत है। जिला हेल्प डेस्क 07462-221453, जिला वार रूम 07462-220602, कलेक्ट्रेट नियंत्रण कक्ष 07462-220201, पुलिस कंट्रोल रूम 9772204859, सीएमएचओ नियंत्रण कक्ष 07462-235011, जिल चिकित्सालय नियंत्रण कक्ष 07462-294005, जिला चिकित्सालय हेल्प डेस्क 07462-234138 तथा उप जिला चिकित्सालय की हेल्प डेस्क 07463-231522 दूरभाष नंबर पर संचालित है। कलेक्टर ने बताया कि जिले में गंगापुर एवं सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन तथा एमपी बार्डर के निकट बहरावंडा खुर्द में चेक पोस्ट बनाई गई है। चेक पोस्ट पर दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट जांच की जाती है तथा जिनके पास नेगेटिव रिपोर्ट नहीं होती उनका सैंपल लिया जाता है। गुरूवार को भी ऐसे 50 लोगों के सैंपल लिए गए। इसी प्रकार अब तक गाइडलाइन की पालना नहीं करने पर 14337 चालान की कार्रवाई की गई। इसमें मास्क से संबंधित 1732, सोशल डिस्टेंसिंग के 13856, स्पेटिंग के 384, भीड एकत्र होने से संबंधित 54 कुल 16026 चालान बनाकर 22 लाख 31 हजार 400 का जुर्माना वसूला गया। एसपी सुधीर चौधरी ने बताया कि गुरूवार सुबह सवा 8 से सवा 9 बजे तक जिलेभर में अभियान चलाकर 140 वाहन सीज किए गये। बेवजह बाहर घूमने वालों पर कड़ी कार्यवाही जारी रहेगी। उन्होंने सभी जिलावासियों का आव्हान किया कि इस आपदा में शादी समारोह टाल दें। शादी लड़का-लड़की के साथ ही 2 परिवारों के सम्बंधों की आधारशिला होती है। इस संकट के समय शादी खुशियों के बजाय जीवनभर का गम दे सकती है। इस अवसर पर जिला परिषद के सीईओ रामस्वरूप चौहान, सीपीओ बाबूलाल बैरवा, आरसीएचओ, पीएमओ आदि भी मौजूद थे।