देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। आज एक बार फिर दामों में इजाफा हुआ है। पिछले 6 दिनों में आज शनिवार को ये चौथी बार पेट्रोल व डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई है। हालांकि पांच प्रदेशों में चुनाव होने के बाद से ही देश में दाम बढ़ने की संभावना जताई जा रही थी। आज जयपुर में पेट्रोल की दर 87 पैसे बढ़कर 110 रुपए 56 पैसे प्रति लीटर पर पहुंच गई। इसी प्रकार डीजल की दर 80 पैसे बढ़कर 93 रुपए 97 पैसे प्रति लीटर तक पहुंच चुकी है।
जानकारी के लिए बता दें की इससे पहले गत सोमवार को पेट्रोल 87 तथा डीजल 88 पैसे,मंगलवार को पेट्रोल 82 और डीजल 65 पैसे और गुरुवार को पेट्रोल 88 और डीजल 82 पैसे प्रति लीटर इजाफा हुआ था। ऐसे में निरंतर तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी ने आम आदमी के लिए समस्या खड़ी कर दी है। उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले 4 नवंबर से पेट्रोल एवं डीजल की कीमतें स्थिर थी। इस अवधि के बीच कच्चे तेल की कीमतों में करीब 30 अमरीकी डॉलर प्रति बैरल की वृद्धि हुई है।
गत 10 मार्च को विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद से ही दरों में संशोधन के कयास लगाए जा रहे थे। देश में बीते 3 सालों में जहां प्रति व्यक्ति सालाना आय 1.26 लाख रुपए से घटकर 99,155 रुपए सालाना पर आ पहुंची है। वहीं, केंद्र सरकार की एक्साइज ड्यूटी से कमाई 2,10,282 करोड़ रुपए से बढ़कर करीब 3,71,908 करोड़ पर पहुंच चुकी है। ऐसे में पिछले 3 साल में भारत सरकार ने सिर्फ पेट्रोल और डीजल पर टैक्स (एक्साइज ड्यूटी) लगाकर 8 लाख करोड़ से अधिक की कमाई की है। वहीं देखा जाए तो राज्य सरकार भी पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर कर वसूलने में पीछे नहीं है। राजस्थान में भी गहलोत सरकार ने बीते कुछ सालों में पेट्रोल और डीजल पर टैक्स (एक्साइज ड्यूटी) वसूलकर जमकर कमाई की है।
जाने कैसे तय होते हैं पेट्रोल और डीजल के दाम-
भारत में जून 2010 से पहले भारत सरकार ही पेट्रोल की दरें तय करती थी और सरकार द्वारा हर 15 दिन में कीमतों में बदलाव किया जाता था। वहीं गत 26 जून 2010 के बाद सरकार ने पेट्रोल के दामों का निर्धारण ऑयल कंपनियों के जिम्मे सौंप दिया। इसी प्रकार अक्टूबर 2014 से पहले डीजल की दरें भी भारत सरकार ही तय करती आई है।
लेकिन 19 अक्टूबर 2014 के बाद से सरकार ने ये जिम्मा भी ऑयल कंपनियों के ऊपर छोड़ दिया। अभी ऑयल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत, टैक्स, पेट्रोल व डीजल के ट्रांसपोर्टेशन का खर्च, एक्सचेंज रेट और बाकी कई वस्तुओं को ध्यान में रखते हुए प्रतिदिन पेट्रोल और डीजल की दरें निर्धारित करती है।