जयपुर: हर साल मानसून में देश के किसी न किसी हिस्से में बाढ़, जल भराव, बांध या नहरें टूटने की घटनाएं होती हैं। यदि समय रहते तैयारियां कर ली जाए तो ये घटनाएं काफी हद तक कम हो जाती है तथा ऐसी घटनाएं होने के बावजूद मानव व अन्य संसाधनों का नुकसान सीमित रखा जा सकता है। इसी बिन्दु को दृष्टिगत रखते हुए केन्द्रीय गृह मंत्रालय का आपदा प्रबंधन डिविजन आगामी 8 व 9 मई को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में वार्षिक सम्मेलन आयोजित कर रहा है जिसमें सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की आपदा प्रबंधन तैयारियों की समीक्षा की जाएगी।
राज्य के आपदा प्रबंधन, राहत और नागरिक सुरक्षा विभाग ने इसकी तैयारियों के लिए सभी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों की शीघ्र बैठक आयोजित कर आईडीआरएन पोर्टल पर डेटा अपडेट करने तथा जिला आपदा प्रबंधन प्लान तैयार रखने के निर्देश दिए हैं।
आईडीआरएन (इंडिया डिजास्टर रेस्पोंस नेटवर्क) पोर्टल ऐसा मंच है जो किसी भी आपदा से निपटने के लिए कुशल मानवीय संसाधन और उपकरणों की उपलब्धता, उन्हें प्राप्त करने के तरीके तथा हर प्रकार के कॉंटेक्ट नम्बर उपलब्ध करवाता है। जैसे किसी जिले में बाढ़ आने पर उस जिले या समीपवर्ती जिले में नाव, नाविक, मिट्टी के कट्टे, ट्रैक्टर, अन्य वाहन, रसद सामग्री, शुद्ध पेयजल, किस स्थान से किस से सम्पर्क करने पर प्राप्त होगी।