नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने देश में जातिगत जनगणना कराने की घोषणा कर दी है। इस ऐलान के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक प्रेस वार्ता की और सरकार के फैसले का स्वागत किया है। राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता में कहा कि हमने संसद में कहा था कि हम जातिगत जनगणना करवा के ही मानेंगे, साथ ही आरक्षण में 50% सीमा की दीवार को भी तोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि पहले तो नरेंद्र मोदी कहते थे कि सिर्फ चार जातियां हैं, लेकिन अचानक से उन्होंने जातिगत जनगणना कराने की घोषणा कर दी।
हम सरकार के इस फैसले का पूरा समर्थन करते हैं, लेकिन सरकार को इसकी टाइमलाइन बतानी होगी कि जातिगत जनगणना का काम कब तक पूरा होगा? उन्होंने आगे कहा कि जातिगत जनगणना में बिहार और तेलंगाना का मॉडल है। इनके बीच में जमीन-आसमान का फर्क है। राहुल ने कहा कि तेलंगाना जातिगत जनगणना के लिए एक मॉडल बना है और यह एक ब्लूप्रिंट बन सकता है। हम जातिगत जनगणना को डिजाइन करने में सरकार की मदद करेंगे, क्योंकि ये डिजाइन बहुत जरूरी है।
हम देश में जातिगत जनगणना के माध्यम से एक नए तरीके का विकास लाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि चाहे ओबीसी हों, दलित हों या आदिवासी- इनकी देश में कितनी भागीदारी है- यह सिर्फ जातिगत जनगणना से पता चलेगा, लेकिन हमें और आगे जाना है। हमें पता लगाना है कि देश की संस्थाओं और पावर स्ट्रक्चर में इन लोगों की कितनी भागीदारी है।
राहुल गांधी ने कहा कि इसके अलावा, कांग्रेस पार्टी ने अपने मैनिफेस्टो में लिखा था कि आर्टिकल 15(5) के तहत निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू किया जाए और हमारी मांग है कि सरकार इसे तत्काल लागू करे। उन्होंने ने कहा कि ये हमारा विजन है, लेकिन सरकार ने इसे स्वीकार किया, इसलिए हम उनका धन्यवाद देते हैं। हमें पूरी टाइमलाइन चाहिए कि कब तक जातिगत जनगणना का काम पूरा हो जाएगा। इसके अलावा डेवलपमेंटल विजन भी हमारे सामने रखा जाना चाहिए।