सवाई माधोपुर: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव समीक्षा गौतम के निर्देशन में अप्रैल माह के दौरान बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत जिलेभर में बाल विवाह रोकथाम हेतु विशेष जागरूकता अभियान, रैलियाँ एवं शिविर आयोजित किए गए। यह अभियान राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सवाई माधोपुर के निर्देशों के तहत संचालित किया गया।
अभियान के अंतर्गत अक्षय तृतीया के अवसर पर जिले में प्रस्तावित 11 बाल विवाहों को समय रहते प्रभावी हस्तक्षेप कर रुकवाया गया, जिससे कई बच्चों को समय से पूर्व विवाह के दुष्परिणामों से बचाया जा सका। अभियान के माध्यम से आमजन को यह जानकारी दी गई कि बाल विवाह एक दं*डनीय अपरा*ध है तथा बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत लड़कियों की न्यूनतम विवाह आयु 18 वर्ष तथा लड़कों की 21 वर्ष निर्धारित है।
बाल विवाह बच्चों के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक विकास में बाधक है और यह उनके अधिकारों का उल्लंघन भी है। इस दौरान नागरिकों को यह भी समझाईश की गई कि नाबा*लिग बच्चों का विवाह न केवल उनके भविष्य को खतरे में डालता है, बल्कि उन्हें हिं*सा, शो*षण व यौ*न उत्पी*ड़न जैसी स्थितियों की ओर भी धकेल सकता है। विशेष रूप से लड़कियाँ बाल विवाह की सबसे अधिक पीड़ित होती हैं, जिन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता के अधिकारों से वंचित कर दिया जाता है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने आमजन से अपील की है कि यदि कहीं भी बाल विवाह की आशंका हो तो चाइल्डलाइन 1098 या महिला हेल्पलाइन 181 पर तत्काल सूचना दें। इसके अतिरिक्त, गत वर्ष हुए एक अ*वैध बाल विवाह की शिकायत पर त्वरित संज्ञान लेते हुए प्राधिकरण ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, उप जिला कलेक्टर एवं पुलिस विभाग को सूचित कर एफआईआर दर्ज करवाई, जिससे समाज में यह संदेश गया कि बाल विवाह अब बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। प्राधिकरण का यह सतत प्रयास है कि सवाई माधोपुर जिला बाल विवाह मुक्त बने और सभी बच्चों को सुरक्षित व सम्मानजनक बचपन मिल सके।