नई दिल्ली: कन्नड़ और तमिल फिल्मों की अभिनेत्री रान्या राव को दुबई से बेंगलुरु लौटते समय गैरकानूनी तरीके से 14.8 किलोग्राम सोना लाने के मामले में डिफॉल्ट जमानत मिल गई है। यह जमानत उन्हें स्पेशल कोर्ट फॉर इकोनॉमिक्स ऑफेंस ने दी है। लेकिन इस जमानत के बावजूद वो फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ सकतीं, क्योंकि केंद्र सरकार की एजेंसियों ने उनके खिलाफ विदेशी मुद्रा संरक्षण एवं त*स्करी रोकथाम अधिनियम के तहत एक और मामला दर्ज किया है।
स्पेशल कोर्ट फॉर इकोनॉमिक्स ऑफेंस के न्यायाधीश विश्वनाथ सी गौड़र ने रान्या राव और उनके साथी तरुण कोंडूरू राजू को जमानत देते समय कुछ शर्तें रखीं। न्यायाधीश विश्वनाथ सी गौड़र ने कहा कि अगर उन्होंने किसी भी शर्त का उल्लघंन किया तो उनकी जमानत तुरंत रद्द कर दी जाएगी। अभिनेत्री रान्या राव उर्फ हर्षवर्धनी रान्या को 3 मार्च को बेंगलुरु एयरपोर्ट पर राजस्व खुफिया विभाग ने सोने की त*स्करी के मामले में गिर*फ्तार किया गया था। उनसे बरामद किए गए सोने की कीमत लगभग 12 करोड़ रुपये बताई गई थी। बाद में रान्या राव के साथी तरुण कोंडूरू राजू और कर्नाटक के बेल्लारी के एक जौहरी, साहिल साकरिया जैन को भी गिर*फ्तार किया गया।
उन्हें जो जमानत मिली है, उसे ‘डिफ़ॉल्ट जमानत’ कहा जाता है क्योंकि उन्हें कस्टम एक्ट के तहत गिर*फ्तार किया गया था। इस कानून के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति को गिर*फ्तार किया जाता है, तो अभियोजन पक्ष को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 187(2) के तहत 60 दिनों के भीतर ‘अभियोजन शिकायत’ दाखिल करनी होती है।
यह अभियोजन शिकायत ठीक उसी तरह दर्ज की जाती है जिस तरह किसी आ*पराधिक मामले में चार्जशीट दर्ज की जाती है। लेकिन इस मामले में जमानत का आदेश बेअसर है क्योंकि केंद्रीय एजेंसियों ने 22 अप्रैल को उनके खिलाफ कोफेपोसा कानून की धाराएं लागू कर दी थीं। इस कानून के तहत रिहाई आमतौर पर एक साल तक नहीं हो पाती है। रान्या राव की मां ने उनकी रिहाई के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई 3 जून को की जाएगी।