जयपुर: सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग ने साइबर सुरक्षा एवं साइबर स्वच्छता के प्रति आम जनता में जागरूकता बढ़ाने के लिए यूपीआई फिशिंग धो*खाधड़ी और ऑनलाइन नौकरी धो*खाधड़ी के संबंध में एडवायजरी जारी की है। गृह विभाग की संयुक्त शासन सचिव पूजा पार्थ ने बताया कि इस संदर्भ में आवश्यक कार्यवाही करने के लिए पुलिस महानिदेशक, साइबर क्रा*इम, एससीआरबी एवं तकनीकी सेवाएं को पत्र लिखा गया है।
उन्होंने बताया कि बैंकिंग संबंधी मुद्दों में मदद के बहाने जालसाल पीड़ितों से उनके पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर लिंक अग्रेषित करने के लिए कहते हैं और पीड़ित के बैंक खातों तक पहुंच जाते है। धो*खेबाज लोग केवाईसी/आधार अपडेट करने के बहाने से भी ओटीपी साझा करने की कहकर धो*खाधड़ी कर सकते हैं। स्वयं को बैंक अधिकारी बताने वाले किसी भी व्यक्ति को ओटीपी या लिंक साझा न करें। रिफंड पाने आदि के लिए गूगल सर्च से प्राप्त कस्टमर केयर नम्बर पर कॉल करने वाले लोग इस तरह की धो*खाधड़ी का शिकार बन सकते है।
इसके अतिरिक्त नौकरी की तलाश में अपना डेटा विभिन्न वेबसाइटों पर या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा करने वाले उपयोगकर्ता के डेटा का उपयोग साइबर अप*राधी अच्छी नौकरी दिलाने के नाम पर पंजीकरण एवं सेवा शुल्क की मांग करते है। ऐसी धो*खाधड़ी से बचने के लिए अपना आवेदन केवल पंजीकृत वेबसाइट पर ही जमा कराए। नौकरी के लिए कोई अग्रिम भुगतान न करें।
जाने ये अहम जागरूकता टिप्स:
1. ऐसे संकेतों पर ध्यान दें कि आपको कोई सं*दिग्ध ईमेल मिला है, जैसे ईमेल भेजने वाला, विषय, हस्ताक्षर।
2. किसी ईमेल पर तुरत भरोसा न करें, ध्यान से पढ़े और फिशिंग संकेतों की जाँच करें। जब तक लिंक किसी विश्वसनीय स्रोत से न हों, तब तक उन पर क्लिक करने से बचें।
3. अगर आपको किसी ऐसे नंबर से टेक्स्ट मिलता है जिसे आप पहचानते नहीं है तो उसे ध्यान से पढ़ें।
4. अगर आपको लगता है कि आपको स्मिशिंग टेक्स्ट मैसेज मिला है, तो उसका जवाब न दें। कभी भी किसी ऐसे व्यक्ति या असुरक्षित साइट को व्यक्तिगत या संवेदनशील जानकारी न दे जिसे आप नहीं जानते।
5. अगर मैसेज/कॉल में किसी तरह की अत्यावश्यकता की भावना हो, तो हमेशा संदेह करें।
6. फोन कॉल के दौरान सतर्क रहें और ध्यान दे।
7. व्यक्तिगत रूप से या फोन पर जानकारी माँगने वालों की पहचान सत्यापित करें।
8. फोन कॉल पर अपने बैंक खाते का विवरण, व्यक्तिगत जानकारी, ओटीपी आदि साझा न करें।
9. याद रखें कि बैंक कभी भी कार्ड नंबर/सीवीवी नंबर/ओटीपी नहीं पूछता।
10. ईमेल साझा नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इससे साइबर अप*राधियों द्वारा इंटरनेट बैंकिंग सक्रिय हो सकती है, जिससे किसी के पैसे की हेराफेरी हो सकती है।
11. अपने सेल फोन को स्वचालित रूप से अपडेट करने के लिए सॉफ़्टवेयर सेट करके सुरक्षित रखें।
12. पासवर्ड को नियमित रूप से बदलें।
13. मल्टी- फेक्टर ऑथेटिकेशन का उपयोग करके अपने खातों को सुरक्षित रखें।
14. एंटीवायरस इंस्टॉल करें और नियमित रूप से अपडेट करें।