नई दिल्ली: अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने रूस पर अब तक के सबसे कड़े प्रति*बंध लगाए हैं। यह प्रतिबंध रूस के ऊर्जा राजस्व को नुकसान पहुंचाने के लिए लगाए गए हैं, जो यूक्रेन में उसके यु*द्ध को बढ़ावा दे रहा है। इसके जरिए 200 से अधिक संस्थानों और व्यक्तियों पर प्रति*बंध लगाए गए हैं, जिनमें व्यापारियों और अधिकारियों से लेकर बीमा कंपनियां और सैकड़ों तेल टैंकर शामिल हैं।
यूक्रेन पर रूस के ह*मले के बाद यह पहली बार होगा, जब ब्रिटेन अमेरिका के साथ मिलकर ऊर्जा कंपनियों गैजप्रोम नेफ़्ट और सर्गुटनेफ़्टेगस पर सीधे प्रति*बंध लगाएगा। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा कि रूसी तेल कंपनियों से मुकाबला करने से रूस का यु*द्ध कोष खाली हो जाएगा और पुतिन से छीना गया हर रूबल (रूसी करंसी) यूक्रेन के लोगों की जान बचाने में मदद करेगा।
शुक्रवार को अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने जिन प्रति*बंधों की घोषणा की है, उनमें से कुछ को कानून बना दिया जाएगा। इसका मतलब है कि आने वाले ट्रंप प्रशासन को अगर इन प्रति*बंधों को हटाना है तो उन्हें यह करने के लिए कांग्रेस से इसे पास कराना होगा। इसके अलावा अमेरिका रूस के उन सहयोगियों को भी सीमित करने की दिशा में काम कर रहा है, जो कानूनी तौर पर रूस से ऊर्जा खरीद सकते हैं।