नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने जाति जनगणना पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने 2021 से इस बात की मांग की थी कि पूरे देश में जाति सर्वेक्षण होना चाहिए। आखिरी बार जाति सर्वेक्षण 1931 में हुआ था, अगर जाति सर्वेक्षण होगा तो पता चलेगा कि किसे कितना लाभ मिल रहा है और किसे नहीं हो रहा है।
किसकी आमदनी क्या है और कौन सी जाति ज्यादा आगे बढ़ गई, कौन पीछे रह गई, इसलिए यह जरूरी है। हम बीजेपी और एनडीए से सिर्फ एक बात कहना चाहेंगे, हमें समयसीमा बता दीजिए कि यह कब शुरू होगा, कब खत्म होगा और कब लागू होगा? क्या यह 2029 के संसदीय चुनावों से पहले हो जाएगा या नहीं होगा?
उन्होंने पसमांदा मुसलमानों की स्थिति को जानने के लिए पसमांदा मुसलमानों के जाति सर्वेक्षण की मांग रखी है।ओवैसी ने कहा कि पसमांदा मुसलमानों की स्थिति की जमीनी हकीकत सभी को पता चल जाएगी, उन्हें पता चल जाएगा कि गैर-पसमांदा मुसलमानों की स्थिति कितनी खराब है, ये सब जरूरी है। ताकि यह सुनिश्चित हो कि लाभ हाशिये पर पड़े लोगों को मिले।