हिमाचल प्रदेश: दल-बदल कानून के तहत अयोग्य करार दिए गए विधायकों की पेंशन बंद करने का विधेयक गत बुधवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पास हो गया है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा (सदस्यों के भत्ते और पेंशन) संशोधन विधेयक 2024 पास होने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए ये बिल लाना जरूरी था।
इसे वॉयस नोट ने हमारी विधानसभा ने स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में तो चुनी हुई सरकार गिराने की कोशिश की, लेकिन जनता ने हमें 40 पर फिर से पहुंचाया। हिमाचल प्रदेश की राजनीतिक संस्कृति में ऐसा कभी नहीं हुआ। विपक्ष का काम सिर्फ कहना है।
ये ऐसे समय पर पास हुआ है जब कांग्रेस के छह विधायकों को 2024-25 का बजट पारित किए जाते समय विधानसभा में अनुपस्थित रहकर पार्टी व्हिप की अवहेलना करने के लिए दल-बदल वि*रोधी कानून के तहत अयोग्य करार दिया गया था। ये लोग सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजेंद्र राणा, इंद्र दत्त लखनपाल, चैतन्य शर्मा और देवेंद्र कुमार हैं। सुधीर शर्मा और लखनपाल उपचुनाव में जीत गए थे, लेकिन अन्य चार लोग हार गए। इन छह ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन के लिए वोट किया था।