Monday , 19 May 2025

बीजेपी का अति आत्मविश्वास ले डूबा – आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर में बीजेपी की हार की समीक्षा

नई दिल्ली:- आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर के एक लेख में भाजपा को बहुमत से दूर रहने के कारणों का विश्लेषण किया गया है।भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा आम चुनाव – 2024 के लिए 400 पार का नारा दिया गया था। हालांकि, नतीजों में बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया है। बीजेपी को 240 सीटें ही मिली है। आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर में बीजेपी की हार का विश्लेषण किया गया है।

 

 

रतन शारदा ने अपने लेख में लिखा है कि, “अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं होने की एक वजह बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं का अति आत्मविश्वास बताया गया है। इस लेख में यह भी कहा गया कि पार्टी को अब खुद में कई सुधार करने की जरूरत है।

BJP's overconfidence drowned - review of BJP's defeat in RSS mouthpiece Organiser.
बीजेपी को खुद में कई सुधार करने की है जरूरत:-
आरएसएस से जुड़े रतन शारदा के लेख में कहा गया है कि, “बीजेपी के लिए यह नतीजे एक रिएल्टी चेक की तरह हैं। लेख में कहा गया है कि, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 400 पार करने का एक लक्ष्य था, लेकिन विपक्ष के लिए यह एक चुनौती थी। भाजपा कार्यकर्ताओं को समझना होगा कि ऐसे लक्ष्य जमीन पर उतरने से पूरे होते हैं।
लेख में कहा गया है कि कोई भी लक्ष्य मैदान पर कड़ी मेहनत से हासिल होता है। नेताओं के साथ सेल्फी डालने और सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करने से जीत नहीं मिलती है। बीजेपी का अति आत्मविश्वास उसे बहुमत से दूर लेकर गया है। चूंकि वे अपने बुलबुले में खुश थे। नरेंद्र मोदी के नाम की चमक का आनंद ले रहे थे, इसलिए वे सड़कों पर आवाज नहीं सुन रहे थे। ये चुनावों के परिणाम कई लोगों के लिए सबक है। 2024 के लोकसभा चुनाव का परिणाम इस बात का संकेत है कि बीजेपी को अपनी राह में सुधार करने की जरूरत है। कई कारणों से नतीजे उसके पक्ष में नहीं गए।
एनसीपी के साथ गठजोड़ पर आरएसएस को आपत्ति क्यों:-
आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर के लेख में दूसरे दलों से आए नेताओं को टिकट दिए जाने पर आपत्ति है। इसमें कहा गया कि स्थानीय उम्मीदवारों को टिकट देने के बजाए बाहर से आए थोपे गए नेताओं और दल-बदलुओं को तरजीह दी गई है। उम्मीदवारों के चयन में सतर्कता नहीं बरतना भी कई सीटों पर हार का कारण बना है।
महाराष्ट्र में एनसीपी के साथ गठजोड़ पर भी सवाल उठाए गए हैं। शारदा ने अपने लेख में लिखा कि, “यह गठबंधन भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए आहत करने वाला था। दशकों तक कांग्रेस और एनसीपी की जिन नीतियों का विरोध किया गया उसे भुलाकर एक झटके में की गई साझेदारी से बीजेपी ने अपनी ब्रांड वैल्यू को कम कर ली है।

 

बीजेपी और संघ के संबंधों पर डाला प्रकाश:-

आरएसएस के सदस्य रतन शारदा ने अपने लेख में बीजेपी और संघ के संबंधों पर भी बात की है। उन्होंने कहा कि, “मैं इस आरोप का जवाब देना चाहता हूं कि इस चुनाव में आरएसएस ने बीजेपी के लिए काम नहीं किया है। मैं साफ-साफ कह दूं कि आरएसएस बीजेपी की कोई फील्ड फोर्स नहीं है।

 

 

वास्तव में दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के पास अपने कार्यकर्ता हैं। मतदाताओं तक पहुंचना, पार्टी का एजेंडा समझाना, साहित्य और वोटर कार्ड बांटना आदि जैसे नियमित चुनावी काम उसी की जिम्मेदारी है। आरएसएस लोगों को उन मुद्दों के बारे में जागरूक करता रहा है, जो उन्हें और देश को प्रभावित करते हैं।

 

आरएसएस ने नहीं की बीजेपी की मदद:-

उन्होंने अपने लेख में आगे कहा कि 1973-1977 के दौर को छोड़कर आरएसएस ने सीधे राजनीति में हिस्सा नहीं लिया है। वह एक असाधारण दौर था और उस चुनाव में लोकतंत्र की बहाली के लिए कड़ी मेहनत की गई थी। 2014 में आरएसएस ने 100 प्रतिशत मतदान का आह्वान किया था। इस अभियान में मतदान प्रतिशत में सराहनीय वृद्धि हुई और सत्ता में बदलाव हुआ।

 

इस बार भी यह निर्णय लिया गया कि आरएसएस कार्यकर्ता 10-15 लोगों की छोटी-छोटी स्थानीय, मोहल्ला, भवन, कार्यालय स्तर की बैठकें आयोजित करेंगे और लोगों से मतदान करने का अनुरोध करेंगे। इसमें राष्ट्र निर्माण, राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रवादी ताकतों को समर्थन के मुद्दों पर भी चर्चा की गई। अकेले दिल्ली में ही 1 लाख 20 हजार ऐसी बैठकें हुई हैं।

 

सांसदों और मंत्रियों की आलोचना की:-

लेख में बीजेपी सांसदों और मंत्रियों की भी आलोचना की गई है। शारदा ने कहा है कि, “बीजेपी या आरएसएस के किसी भी कार्यकर्ता और आम नागरिक की सबसे बड़ी शिकायत स्थानीय सांसद या विधायक से मिलना मुश्किल या असंभव होना है।

 

मंत्रियों की तो बात ही छोड़ दीजिए। उनकी समस्याओं के प्रति असंवेदनशीलता एक और आयाम है। बीजेपी के चुने हुए सांसद और मंत्री हमेशा व्यस्त क्यों रहते हैं। वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में कभी दिखाई क्यों नहीं देते। संदेशों का जवाब देना इतना मुश्किल क्यों है।

 

(सोर्स : डीएनए/एबीपी न्यूज)

About Vikalp Times Desk

Check Also

Asaduddin Owaisi spoke on Türkiye;s stand in the conflict between India and Pakistan

भारत और पाकिस्तान के संघर्ष में तुर्की के रुख पर बोले असदुद्दीन ओवैसी

नई दिल्ली: भारत के साथ संघर्ष में पाकिस्तान के समर्थन में खुलकर बोलने वाले तुर्की …

Mantown thana Police Sawai Madhopur News 17 May 2025

पुलिस ने एक वांछित आरोपी को धरा

पुलिस ने एक वांछित आरोपी को धरा     सवाई माधोपुर: मानटाउन थाना पुलिस की …

Heli ambulance crashes in Kedarnath

केदारनाथ में हेली एंबुलेंस दुर्घटनाग्रस्त, आपात लैंडिंग के दौरान पीछे का हिस्सा टूटा

नई दिल्ली: केदारनाथ में एक मरीज को रेस्क्यू करने पहुंचा संजीवनी हेली एंबुलेंस आपात लैंडिंग …

Mantown Police Sawai Madhopur News 17 May 2025

ड*कैती और हथि*यार त*स्करी के इनामी आरोपी को दबोचा

ड*कैती और हथि*यार त*स्करी के इनामी आरोपी को दबोचा     सवाई माधोपुर: मानटाउन थाना …

Ration dealer government wheat malarna dungar sawai madhopur news

सरकारी गेंहू के ग*बन के मामले में राशन डीलर के खिलाफ मामला दर्ज

सवाई माधोपुर: खाद्य सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाले गेंहू के ग*बन के एक गंभीर …

error: Content is protected !! Contact Vikalp Times Team !