जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाडिया ने सभी उपखंड अधिकारियों को निर्देश दिए है कि रमजान माह में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करने के लिए मुस्लिम समाज के लोगोें को जागरूक करने के लिए धर्मगुरूओं एवं प्रबुद्धजनों की मदद लें। जिला कलेक्टर ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग बहुत जरूरी है। एक भी गलत कदम पूरे परिवार एवं मोहल्ले को कोरोना ग्रसित कर सकता है।
जिला कलेक्टर ने बताया कि धर्मगुरूओं के सोशल डिस्टेंसिंग संबंधी संदेशों को सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, वाट्सएप, पब्लिक एड्रेस सिस्टम से प्रसारित करवाएं। महामारी को देखते हुए दुनियाभर के मुस्लिम धर्मगुरूओं ने साफ साफ एलान किया है कि इबादत घर पर ही करें। घर पर ही इबादत करने से फर्ज पूरा हो जाता है।
जिला कलेक्टर ने बताया कि जीवन बचाने से महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं है। जिले में धारा 144 लागू है। उन्होंने आग्रह किया है कि रमजान माह में मुस्लिम समुदाय के लोग तरावीह और दीगर फर्ज नमाज अपने-अपने घरों में रहकर ही अदा करें। रोजा इफ्तार पार्टी बिल्कुल नहीं करें। सभी चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से जारी एडवाजरी की पालना किया जाना सुनिश्चित करें। रमजान माह में घर पर सामूहिक रूप से तरावीह का इन्तजाम नहीं करें एवं अपने घर पर तरावीह के लिए मोहल्ले के व्यक्तियों, पड़ोसियों एवं रिश्तेदारों को इकठ्ठा नहीं करेंगे। तरावीह के बाद मौहल्ले में सामूहिक रूप से इकठ्ठे नहीं होगें, मौहल्ले के लोगों या रिश्तेदारों को इकठ्ठा करके उनके साथ इफ्तार न करें, घर के बाहर न निकलें, चौराहों या गलियों में न बैठे, महफिल, मेहमान नवाजी वगैरह बिल्कुल नहीं करें, सामूहिक नमाज, चाहे वह धर्मस्थल पर हो या सार्वजनिक स्थल पर अनुमत नहीं की जावेगी।
वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुये मौलाना नमाज के समय केवल अजान ही मस्जिद से दिया जाना सुनिश्चित करेंगे। मौलाना यह भी समझाईश करेंगे कि नमाज के लिए कोई भी व्यक्ति मस्जिद में न आये। सभी समाज के प्रतिनिधियों से यह भी आग्रह किया जावें कि वे मुक्कमल तौर पर घर में रहें और हुकुमत के जारीकर्दा हिदायत पर अमल करें। अपने-अपने क्षेत्र में निवासर्त व्यक्तियों को मास्क पहनने, सैनटाईजर का प्रयोग करने, साबुन से समयबद्ध हाथों की धुलाई करने, मूंह, नाक और आँखों को छूने से बचे, वजू के बाद सभी अलग-अलग तौलिये का उपयोग करें एवं सामाजिक दूरी बनाए रखने की पालना सुनिश्चित करने हेतु समझाईश करेंगे ताकि कोरोना वायरस का संक्रमण फैले नहीं।
रमजान के महिने में शबे कदर की रात के समय सामाजिक दूरी बनाए रखना सुनिश्चित करें एवं मुसाफह (मुसाफा) गले मिलने से बचे ताकि संक्रमण फैलने की संभावना नहीं रहें। सेहरी के वक्त यह सुनिश्चित किया जाये कि सेहरी के उपरान्त घर से बाहर नहीं जायें।
अंजुमन सदर/शहर काजी के माध्यम से प्रत्येक मस्जिद में ईमाम के माध्यम से सेहरी फज्र के वक्त एवं इफ्तार मगरीब के वक्त मस्जिद के माईक से उक्त प्रसार-प्रचार किया जावें।