बामनवास विधायक इंदिरा मीणा ने बाटोदा के समीप बैरखंडी गेट के पास बने बजरी टोल नाके पर हुई कर्मचारियों के साथ मारपीट एवं तोड़फोड़ के मामले में फेसबुक लाइव आकर खुलासा किया है। विधायक इंदिरा मीणा ने फेसबुक लाइव के माध्यम से बताया कि बाटोदा बजरी टोल नाके की लीज 6 महीने की हुई है। 2 महीने की लीज रेकॉर्डली बंद रहती है और डेढ़ महिना बरसात के पानी में निकल गया। इसके बाद उन्होंने कहा कि यह एक जांच का विषय है की जिले का प्रशासन, पुलिस प्रशासन और खनिज विभाग व सारे प्रशासनिक अधिकारी इस मामले की जांच करें। उन्होंने कहा कि जांच करें कि टोल नाके पर उन्होंने कितने रवन्ने काटे है और अगर गलत है तो कार्रवाई करें।
खनिज विभाग का कहना है कि दो बार हमने गलत जगह से चारागाह भूमि से बजरी उठाने की कार्रवाई कर चुके है। विधायक ने कहा कि जब वह बैरखण्डी गेट से जा रही थी तो रास्ते में उन्हें ग्रामीण मिले। ग्रामीणों ने उन्हें बताया की गांव की महिलाएं जब खेत पर से काम करके घर लौटती है तो उन्हें छेड़ा जाता है। 10-15 लोग यहाँ पर रहते है जो कि स्थानीय लोग नहीं है और बाहर के लोग है। इनके साथ कोई सरकारी कर्मचारी, कोई पुलिस कांस्टेबल और ना ही कोई खनिज विभाग का कर्मचारी रहता है। उसके बाद भी यह लोग यहां पर नाका लगाए हुए है। विधायक इंदिरा मीणा ने जब उनसे पूछा तो उन्होंने एक कागज दिया। कागज पर तारिख 13/7/2021 लिखी हुई है। कागज में सभी जगह पर नाके लगाए हुए है। विधायक ने जब खनिज विभाग के अधिकारियों से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि यह हमारी ओर से पहले का दिया हुआ है। उन्होंने कहा कि एक साल से ज्यादा हो चुका है। इनकी लीज 6 अप्रैल को हुई है और उनके द्वारा दिया गया लेटर 6 महीने पूर्व का है। इससे पूर्व बजरी पर कानूनन रोक थी और अब जब इनको एनओसी मिल गई है, उनके बाद इनका ये लेटर वैलिड नहीं है।
अब सवाल ये है कि एक महीने से ये नाक क्यों लगा है और लोगों को क्यों परेशान किया जा रहा है। इसकी जानकारी पुलिस प्रशासन को होनी चाहिए। ना पुलिस पुलिस ने इन पर ध्यान दिया ना ही खनिज विभाग ने इस नाके पर ध्यान दिया। जब विधायक क्षेत्र में गई तो लोगों ने बताया कि जब हम मिट्टी का भी ट्रैक्टर लेकर निकलते है तो उनके साथ मारपीट करते है। विधायक ने लाइव में कहा कि जब ग्रामीण खेत से चारा लाते है तो शाम को ये लोग शराब पीकर बैठे रहते है और उन्हें परेशान करते है। उन्होंने बताया की उन्हें जयपुर किसी काम से जाना था तो वह गंगापुर के रास्ते से निकली तो बैरखण्डी गेट पर टोल नाके पर रुके। उसके बाद जब ग्रामीणों को पता चला तो उन्हें हटा दिया ना किसी से साथ मारपीट की। विधायक ने कहा कि नाके लगाने का अधिकार लीज वाले क्षेत्र में होता है, फिर इन्होंने बाटोदा जाकर क्यों नाका लगाया, मलारना डूंगर क्यों नहीं लगाया। बौंली का इसमें नाम लिया जा रहा है। बौंली में किसी भी ठेकेदार की कोई स्वीकृति नहीं है। बौंली का सम्पूर्ण इलाका चारागाह है।
ना उधर से इनका रास्ता है। जबरदस्ती वहां भी इन लोगों ने वहां के लोगों के साथ मारपीट की। उसके बाद मजबूरन हमें इनके नाके हटवाने पड़े और बाटोदा के अंदर भी इनका कोई अधिकार नहीं बनता है। अगर इनका क्षेत्र है तो वहां नाके लगा सकते है और नियमानुसार लगाए। लेटर में लिखा है कि खनिज विभाग का कर्मचारी एवं पुलिस का कर्मचारी नाके पर मौजूद होना चाहिए लेकिन वहां पर कोई भी खनिज विभाग का कर्मचारी और पुलिस का कर्मचारी मौजूद नहीं था। विधायक ने कहा कि सबसे पहले इनके ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए कि इन्होंने अवैध तरीके से नाका लगाकर रोड़ जाम किया हुआ है।
उन्होंने आईजी से कहा कि इस मामले को देखिए और निष्पक्ष जांच करिए। विधायक ने कहा की अब देखने वाली बात यब है कि सबको सूचित कर दिया गया है। जिस प्रकार बौंली के अंदर कार्रवाई हुई उसी प्रकार खनिज विभाग के अधिकारी/ठेकेदार अगर गलत करते है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई करें। अगर वो वैध तरीके से खनन करते है तो हमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन अगर अवैध तरीके से खनन करते है तो हम उसका विरोध करेंगे। इसके साथ ही विधायक ने गायों में फैल रही लंपी वायरस बीमारी को लेकर भी अपने विचार रखें। उन्होंने क्षेत्र के लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
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