जैसलमेर: शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी के खिलाफ राजकार्य में बाधा का केस दर्ज किया गया है। रविंद्र भाटी ने जैसलमेर में निजी कंपनी के वि*रोध में हो रहे प्रदर्शन के दौरान दो युवकों को पुलिस की जीप से जबरन उतार लिया था। पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी के निर्देश पर दर्ज केस की जांच सीआईडी-सीबी करेगी।
दरअसल रविंद्र सिंह भाटी की अगुआई में जिले के बईया गांव में ओरण-गोचर जमीनों को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाने और निजी कम्पनी को तब तक काम नहीं करने देने के संबंध में चल रहे आं*दोलन के बीच पुलिस ने शिव विधायक के खिलाफ झिनझिनयाली थाने में भारतीय न्याय संहिता की विविध धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।
भाटी के खिलाफ बीएनएस की धारा 221, 224 और 132 के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन पर ये धाराएं राजकार्य में बाधा डालने और मार्ग अवरुद्ध किए जाने के संबंध में लगाई गई हैं। रविंद्र सिंह भाटी के विधायक होने के कारण इस मामले की जांच सीआईडी-सीबी करेगी।
हम ऐसे मामलों से दबने वाले नहीं : शिव विधायक
पुलिस द्वारा मामला दर्ज होने के बाद शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि पुलिस प्रशासन मुकदमों के जोर से जनता की आवाज को दबाने का प्रयास कर रहा है। इस तरीके से जनता न डरी थी, न झुकी थी और न डरेगी। उन्होंने कहा कि सीआईडी-सीबी इस बात की भी जांच करें कि दो ग्रामीणों को किस आधार पर डिटेन किया गया? किस अधिकारी ने किसके कहने पर उन्हें डिटेन किया? भाटी ने कहा कि घटना के 48 घंटों बाद जयपुर और अहमदाबाद में बैठे सूट-पेंट वालों के इशारों पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
क्या है मामला:
दरअसल, जैसलमेर के बईया गांव में निजी कंपनी ग्रिड सब स्टेशन (GSS) का निर्माण कर रही है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि ओरण की जमीन को पहले सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए। ओरण (संरक्षित जमीन) भूमि को को बचाने के लिए ग्रामीण 16 दिनों से ध*रने पर हैं। शुक्रवार को शिव (बाड़मेर) से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी भी मौके पर पहुंचे।
वे धर*ने में शामिल हुए और ग्रामीणों के साथ धोरों में ही रात गुजारी। इससे पहले शुक्रवार दोपहर को पुलिस और रविंद्र भाटी में हल्की बहसबाजी भी हुई। जिसमें 2 युवकों को पुलिस ने धर*ने से उठाकर अपनी गाड़ी में बैठाया था। विरो*ध प्रद*र्शन के बीच शनिवार सुबह रविंद्र भाटी कलेक्टर प्रताप सिंह से मिले। भाटी ने कलेक्टर से मुलाकात के बाद कहा- जब तक संतोषप्रद जवाब नहीं मिलेगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।