अक्षय तृतीया और परशुराम जी की मनाई जयन्ती
विश्वव्यापी महामारी कोरोना से मुक्ति और विश्व कल्याण की कामना के साथ वातावरण परिष्कार हेतु लॉकडाऊन के चलते अपने घर पर ही अक्षय तृतीया एवं परशुराम जयन्ती का त्यौहार मनाया गया।
सर्वब्राह्मण सभा के पदाधिकारियों जिला महामंत्री हनुमान शर्मा व प्रदेश मंत्री महिला प्रकोष्ठ ने हवन पूजन कर देश मे आयी महामारी से मुक्ति हेतु प्रार्थना के साथ देश मे सुख शांति की कामना की गई। उन्होंने सभी सामाजिक बंधुओं से लॉकडाउन के निर्देशों की पालना की अपील की।
इसी प्रकार रणथम्भौर रोड़ स्थित पटेल नगर कॉलोनी में परशुराम जयंती धुम धाम से मनाई। कॉलोनी के रजत भारद्वाज ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते लोगों ने मंदिर न जाकर घर पर ही परशुराम की जयंती मनाई। इस दोरान कॉलोनी वासियों ने एक नये अंदाज में अपनी छतों पर चढ़कर शंखनाद किया एवं महिलाओं ने थाली बजाकर परशुराम भगवान के जन्म की शुभकामनाएं दी। इसके बाद सबने परशुराम भगवानकी आरती उतारी। समाज के सभी लोग छत पर से एक दुसरे को बधाई देते नजर आयें।
अक्षय तृतीया पर मनाया दान दिवस पर्व
सकल दिगंबर जैन समाज द्वारा जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ के कठिन तप, साधना और 1 वर्ष की दीर्घ तपस्या (उपवास) के उपरांत प्रथम पारणा (आहार) से जुड़े आत्म शोधन के महापर्व अक्षय तृतीया को जैन संस्कृति व परंपरा अनुसार दान दिवस के रूप में तप, त्याग और संयम पूर्वक मनाया गया।
समाज के प्रवक्ता प्रवीण कुमार जैन ने बताया कि लॉक डाउन के चलते समाजजनों ने अपने घरों पर ही श्रद्धा पूर्वक पूजा-अर्चना कर भगवान आदिनाथ की आराधना की गई। वहीं धार्मिक जनों द्वारा एकासन, उपवास कर पर्व के प्रति अपनी आस्था प्रकट की।
इस मांगलिक अवसर पर जिनेंद्र भक्तों द्वारा णमोकार महामंत्र का जाप, पाठ व भक्तामर विधान का अष्ट द्रव्यों से पूजन कर विश्व की सुख – समृद्धि व शांति की कामना की गई।
दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र चमत्कार जी में विराजित आचार्य ज्ञानसागर जी की शिष्या – अंतसमती माताजी ने संदेश देते हुए कहा कि वर्तमान वैश्विक कोरोना महा संकट के समय में संयम व तप की आत्म कल्याणकारी अक्षय परंपरा को जन-जन की जीवन शैली बनाने की महती आवश्यकता है।
इस मौके पर चमत्कारजी परिसर में विराजित सुपात्र अंतसमती व अक्षयमती माताजी को पड़गाहन कर नवधा भक्ति पूर्वक एवं सामाजिक दूरी का पालन करते हुए श्रावक- श्राविकाओं द्वारा उन्हें आहारचर्या कराकर पुण्य अर्जन किया।