अजमेर नर्सिंग काॅलेज प्रथम वर्ष की दलित छात्रा हत्याकाण्ड मामले में दलित अधिकार केन्द्र जयपुर के सहायक निदेशक एडवोकेट चन्दालाल बैरवा ने आरोप लगाया है कि दलित छात्रा की हत्या के मामले में पुलिस एक मात्र रेलवे कर्मचारी धर्मेन्द्र शर्मा को ही आरोपी मानकर कार्यवाही कर रही है, जो बिल्कुल गलत है, इस मामले में धर्मेन्द्र शर्मा, अब्छुल रहमान अब्बासी देवली के अलावा भी करीब आधा दर्जन लोग घटना से जुड़े होने की सम्भावना है। लेकिन पुलिस शेष संदिग्ध लोगों को बचाने का प्रयास कर रही है।
दलित अधिकार केन्द्र जयपुर के सहायक निदेशक चन्दालाल बैरवा एडवोकेट, केन्द्र की अध्यक्ष शान्ति देवी, केन्द्र के एमआईएस समन्वयक मीठालाल जाटव, दलित अधिकार केन्द्र अजमेर की समन्वयक इन्दिरा सोलंकी, मनेाहर बैरवा तथा मृतक छात्रा के मामा कैलाश चिढ़ीवाल ने एक संयुक्त प्रेसवार्ता आयोजित कर इस सारे घटनाक्रम पर मीडिया के साथ अपने विचार साझा किये।
पत्रकारों से रूबरू होते हुऐ चन्दालाल ने कहा कि ये जघन्य हत्याकाण्ड है, इस मामले की सीबीआई तथा उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिए। धारा 302, 201 आईपीसी के अलावा 363, 376 व 3 अनुसूचित जाति जनजाति निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर 60 दिन में चालान पेश करने, विभिन्न नियमों के तहत मिलने वाली सहायता राशि पीड़ित परिवार को अविलम्ब दिलाई जानी चाहिए।
सहायक निदेशक बैरवा ने बताया कि दलित अधिकार केन्द्र के हम सभी प्रतिनिधि मण्डल के रूप में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व अति. जिला कलेक्टर से मिले तथा उन्हे ज्ञापन देकर उक्त मांगो पर शीघ्र कार्यवाही की मांग की है।
बैरवा ने पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगाया कि इस मामले में सोशल व अन्य मीडिया के जरिये पता चला, जिसमें पुलिस अधीक्षक ने स्वीकार किया कि हत्या का शिकार हुई छात्रा अब्दुल रहमान अब्बासी के बुलावे पर ही सवाई माधोपुर आयी थी, और अब्बासी फेसबुक पर कम उम्र बताकर छात्रा के साथ चैटिंग करता था और घटना के दिन अपना मोबाईल बन्द कर दिया था। जबकि आज जब अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से ज्ञापन देने के बाद चर्चा की तो उन्होने कहा कि अब्दुल रहमान अब्बासी तो फेसबुक ही नहीं चलाता है, और न चलाना जानता है।
बैरवा ने कहा कि पुलिस अधिकारियों के अलग अलग बयान ही पुलिस को सन्देह के घेरे में ला रहे हैं, और इससे लगता है कि पुलिस इस मामले में अन्य दोषियों को बचाने का प्रयास कर रही है।
चेतना केन्द्र की अध्यक्ष शान्ति देवी ने कहा कि अकेला व्यक्ति लड़की की हत्या कर किसी भी सुरत में अकेला ले जाकर नाले में नहीं डाल सकता। उन्होने कहा कि इस सारे घटनाक्रम में अब्बासी और धर्मेन्द्र के अलावा भी लोग होने चाहिए। जिन्होने लड़की को पहले कोई नशे की चील खिलाकर बेहोश किया। उसके बाद उसके साथ दुष्कर्म किया तथा बाद में गला दबाकर हत्या कर दी गयी।
मृतक लड़की के मामा ने कहा कि लड़की की दोनों हथेलियों में काले धब्बे थे तथा आँख के ऊपर भी हल्की चोट का निशान था।
दलित अधिकार केन्द्र के सभी सदस्यों ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि लड़की 2 जनवरी को हाॅस्टल से गायब हुई, 3 को काॅलेज प्रशासन ने रिपोर्ट दर्ज कराई अजमेर में और लड़की का शव 5 को सवाई माधोपुर में मिला, मतलब 3 दिन आखिर लड़की कहाँ रही। इस पर कोई जाँच नहीं की जा रही है। यही नहीं रेलवे स्टेशन पर सीसी टीवी कैमरे लगे हैं, रेलवे की दो दो पुलिस वहाँ मौजूद रहती है, फिर भी इस लड़की की रेलवे स्टेशन के नजदीक ही हत्या हो गई और किसी को कोई अहसास नहीं हुआ।
सभी सदस्यों ने घटना से जुड़े सभी लोगों को गिरफ्तार कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने तथा जाँच व गिरफ्तारी होने तक पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की।