स्थानीय नगर परिषद एक बार फिर चर्चाओं में आ गयी है। भाजपा के 20 पार्षदों सहित 37 पार्षदों ने जिला कलेक्टर को नगर परिषद सभापति विमला शर्मा को हटाने की मांग करते हुऐ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार 45 वार्डों की नगर परिषद में 11 कांग्रेस 5 निर्दलीय औश्र 29 भाजपा के पार्षद हैं। इनमें से आज 37 पार्षद जिनमें 10 कांग्रेस, 5 निर्दलीय और 22 भाजपा के हैं ने अविश्वास प्रस्ताव नोटिस पर हस्ताक्षर कर कलेक्टर को दे दिया।
जानकार सूत्रों ने बताया कि जिला कलेक्टर के पास आज 20 भाजपा पार्षदों सहित 35 ने उपस्थित होकर अविश्वास प्रस्ताव नोटिस पर अपनी सहमति व्यक्त की। जबकि दो पार्षद बाहर होने के कारण उपस्थित नहीं हो सके।
सूत्रों के अनुसार जिला कलेक्टर ने अपने समक्ष सभी पार्षदों से सहमति पर हस्ताक्षर करवाकर सबकी वीडियोग्राफी भी करवाई। जिला कलेक्टर ने पार्षदों को आश्वासन दिया कि वे सात दिवस में नोटिस के बारे में जांच कराकर जो भी होगा शीघ्र ही उचित निर्णय करेंगे।
विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि आज कलेक्टर के सामने उपस्थित हुऐ सभी पार्षद 7 दिन के लिए सवाई माधोपुंर से अज्ञातवास के लिए रवाना हो गये। इस घटनाक्रम के बाद से आज दिन भर सभापति विमला शर्मा के भविष्य पर चर्चा होती रही।
लोग कह रहे थे, पहले ही सभापति का कुछ नहीं बिगड़ा तो अब भी क्या होना है, और कुछ होता भी है तो अब इतना सा ही समय बचा है, जिससे विमला शर्मा और भाजपा को कोई खास नुकसान होने वाला नहीं।
अब ये सब जिला कलेक्टर पर निर्भर करता है कि वे क्या फैसला लेते हैं। पहले तत्कालीन कलेक्टर पी.सी.पवन ही सभापति को बचा गये नहीं तो उस समय ही जाना तय था।