नए साल 2024 का स्वागत इस बार कड़ाके की सर्दी से हो रहा है। पिछले दो दिनों से लगातार चल रही शीतलहर से लोगों की धूजणी छूट रही है। हड़कंपाने वाली सर्दी में ये सर्द हवाएं चलने से लोगों को बर्फ की सी चूभन महसूस हो रही है। बीते दो दिनों से दिन-रात का तापमान लगातार गिर रहा है। मौसम विभाग की माने तो नए साल के पहले सप्ताह में शीतलहर चलने का अनुमान है। इससे तापमान गिरने के साथ सर्दी बढ़ेगी। सर्दी के कारण बीते सप्ताह में दो दिन कोहरे से राहत मिल रही थी लेकिन शीतलहर चलने के साथ ही सुबह से शाम तक धूंध छाये रहने का अहसास हो रहा है। एक दो दिन से हल्के बादलों ने भी सुरज की तपन को लोगों तक नहीं पहुंचने दिया। सर्दी के कारण सड़कों पर लोगों की आवाजाही भी कम दिखाई दी। सर्दी बढ़ने के लोगों ने दिनचर्या बदली है। शुक्रवार की रात को शुरू हुई सर्द हवाओं का दौर जारी है।
सुबह सर्द हवा चलने से लोगों की कंपकंपी छुड़ा दी। हालांकि दिन में हल्की धूम निकलने के बाद लोगों को कुछ राहत मिली, लेकिन शाम होते ही सर्दी बढ़ गई। वहीं साल के अन्तिम दिन रणथम्भौर में नये साल का जश्न मनाने के लिए पर्यटकों की भी भारी आवक रही। आम लोग भी रणथम्भौर भगवान त्रिनेत्र गणेश जी को ढोक लगाने पहुंच रहे हैं। रणथम्भौर नेशनल पार्क में टाइगर देखने के लिए अगले सात दिन तक की सीटें फूल हो चुकी हैं। ऐसे में वन विभाग को भी एडवाइजरी जारी करनी पड़ी है। इसके बावजूद भी पर्यटकों की भीड़ रणथम्भौर में उमड़ रही है। रणथम्भौर आने वाले पर्यटकों को ट्रेफिक जाम से बचाने के लिए निजी वाहनों को गणेश धाम पर ही रोका जा रहा है। किसानों का मानना है कि सर्दी बढ़ने से रबी की फसलों को फायदा मिलेगा। लेकिन उत्तरी हवाओं से शीतलहर बढ़ने से पाला पड़ने का डर भी किसानों को परेशान कर सकता है।