राजस्थान प्रदेश में राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत प्रंबधकीय संवर्ग में कार्यरत संविदा कार्मिकों के वेतन विसंगति व नियमतिकरण को लेकर प्रदेशव्यापी स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन सवाई माधोपुर के जिलाध्यक्ष अरविन्द गौतम ने बताया कि 13 मई से 15 मई तक प्रदेश के सभी जिलों में कार्यरत राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के प्रंबधकीय संवर्ग के कार्मिकों द्वारा काली पट्टी बांधकर कार्य कर रहे है। एनयूएचएम कार्मिक गांधीवादी तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे है एवं मुख्यमंत्री महोदय द्वारा घोषणा पत्र में किये गये वादे से अपनी उदासीनता दिखा रहे है। उन्होंने घोषणा पत्र में संविदा कार्मिकों को नियमित करने का वादा किया गया था जबकि सरकार के लगभग 1 वर्ष 6 माह पूर्ण हो चुके है।
उन्होने बताया कि राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के प्रबंधकीय कार्मिकों का वेतन वर्तमान में केवल नाम मात्र है जबकि अभी कोरोना जैसी महामारी में अपनी जान की परवाह किये बिना रात-दिन कोरोना वीर बनते हुए तथा अपने परिवार से दूर दराज रहते हुए भी इस महामारी में अपनी पूर्ण रूप से सेवाएं दे रहे है।
प्रदेश स्तर पर कई बार मुख्यंमत्री अशोक गहलोत, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों को पत्रों, ट्वीटर, फेसबुक एवं ई-मेल के माध्यम से संविदा कार्मिकों को नियमित करने के लिए ज्ञापन व अवगत करवाया गया परन्तु अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द पर कार्यरत पब्लिक हैल्थ मैनेजर विनोद शर्मा, अरविन्द गौतम, नजमा बानो, भंवर सिंह अकाउन्टेन्ट कम डाटा एन्ट्री ऑपरेटर, जितेन्द्र साहू, रानू गुप्ता, विकास गुप्ता, सौरभ अग्रवाल आदि द्वारा बांह पर काली पट्टी बांधकर शान्तिपूर्ण कार्य किये जाने का संकल्प लिया है।
जिलाध्यक्ष अरविन्द गौतम ने बताया कि मुख्यंमत्री महोदय से निवेदन है कि हम अल्प वेतनभोगी संविदा कार्मिकों को नियमितिकरण जल्द से जल्द करावें ताकि आर्थिक व पारिवारिक स्थितियों में आ रही परेशानियां दूर हो सके।