गोपेश्वररू उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में आज रविवार को हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के बाद गढ़वाल क्षेत्र में अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि, बाढ़ से अभी तक जनहानि की कोई सूचना नहीं मिली है। लेकिन ऋषिगंगा पर बनी एक बिजली परियोजना को इससे भारी नुकसान पहुंचा है। ऋषिगंगा पनबिजली परियोजना पर काम कर रहे कई मजदूरों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है।
अधिकारी ने बताया कि उत्तराखंड की धौली गंगा नदी में भयंकर बाढ़ आने के बाद से ऋषिगंगा पनबिजली परियोजना में कार्यरत लगभग 150 कर्मचारी लापता हैं। बाढ़ से चमोली जिले के निचले इलाकों में खतरा बढ़ता हुए देखते हुए राज्य आपदा प्रतिवादन बल एवं जिला प्रशासन को सतर्क कर किया गया है। वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और लोगों से अपील की जा रही है कि वे गंगा नदी के आस-पास के किनारे पर न जाएं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत रख रहे है पूरी स्थिति पर नजर:-
हिमखंड टूटने की घटना पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिव आपदा प्रबंधन और चमोली की जिला अधिकारी से पूरी जानकारी प्राप्त की है। मुख्यमंत्री लगातार पूरी घटना की पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। साथ ही साथ सभी संबंधित जिलों को अलर्ट कर दिया गया है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क से निकलने वाली ऋषिगंगा के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में टूटे हिमखंड से आई बाढ़ के कारण धौलगंगा घाटी एवं अलकनन्दा घाटी में नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। जिससे श्रृषिगंगा और धौली गंगा के संगम पर स्थित रैणी गांव के समीप स्थित एक निजी कम्पनी की श्रृषिगंगा बिजली परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, धौली गंगा के किनारे बाढ़ के वेग के कारण जबरदस्त भूकटाव भी हो रहा है।
नदी के किनारे पर रह रहे लोगों के लिए किया अलर्ट जारी:-
चमोली के जिला प्रशासन की तरफ से अलकनन्दा नदी के किनारे रह रहे लोगों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। समाचार लिखे जाने तक श्रृषिगंगा में आई बाढ़ के पानी के वेग को देखते हुए रैणी और तपोवन कस्बों में लोग दहशत में आ गए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार प्रातः अचानक जोर की आवाज के साथ धौली गंगा का जलस्तर बढ़ता हुए दिखाई दिया। पानी तूफान के आकार में आगे बढ़ रहा था और वह अपने रास्ते में आने वाली सभी चीजों को अपने साथ बहाकर ले गया।