जिला कलेक्टर डॉ. एस.पी. सिंह एवं जिला न्यायाधीश हरेन्द्र सिंह ने नगर परिषद चैयरमैन विमला शर्मा की उपस्थिति में बुधवार को जिला स्तरीय अमृता हाट व रणथम्भौर उद्योग एवं हस्तशिल्प मेले का फीता काटकर उद्घाटन किया। यह मेला बुधवार 20 फरवरी से 26 फरवरी तक चलेगा।
इस अवसर पर जिला कलेक्टर ने भूसावर के प्रसिद्ध आचार की स्टॉल का अवलोकन किया। वहीं मांगरोल के कपड़ों की स्टॉल का भी अवलोकन किया। उन्होंने बीकानेर के नमकीन पापड़ की स्टॉल तथा यती हैण्डलूम स्टॉल, उदयपुर की रसराज आयुर्वेदिक फार्मेसिस स्टॉल, विभिन्न कपड़ों एवं खिलौनों की स्टॉल, आयुर्वेदिक चूरण की स्टॉल तथा अन्य स्टॉल्स का अवलोकन किया। उन्होंने इसके साथ ही स्टॉल्स पर बिक्री के लिये उपलब्ध उत्पादों की प्रसंशा भी की।
जिला कलेक्टर ने भादरा से आये हुए चमड़े की जूतियों के विक्रेता से बातचीत की तथा उनके दैनिक जीवन के बारे में जानकारी ली। जूतियों के विक्रेता दम्पति ने बताया कि उन्होंने अपने जूतियों के पैशे के माध्यम से अपने बच्चों को पढ़ा लिखाकर काबिल बनाया है। दम्पति ने जिला कलेक्टर को बताया कि उनकी दो बेटियां टीचर बन गई है। वही उनका एक बेटा सरकारी कम्पनी में कार्यरत है। जिला कलेक्टर ने श्यामोता से आये तेराकोटा के सामान का अवलोकन किया तथा उस सामान के बनने की प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी ली। इस अवसर पर उदयपुर से आये हुए रामूभाट के कठपुतली कार्यक्रम का प्रदर्शन किया गया। वहीं पाली के लोक गायकों ने लोक गायन प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर जिला कलेक्टर ने स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के द्वारा लगायी गई स्टॉल्स का विशेष अवलोकन किया तथा इन स्टॉल के माध्यम से उनके जीवन में आ रहे परिवर्तन के बारे में भी जानकारी ली और उनकी समृद्धि के लिए भी उत्साहवर्धन किया। जिला कलेक्टर ने कहा कि इस मेले में विभिन्न स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं एवं अन्यों के द्वारा बेहतरीन उत्पादों की बिक्री के लिए प्रदर्शित किया गया है। जिले के आमजन इन शानदार उत्पादों हेतु मेले का अवलोकन कर मेले का आनन्द ले सकते हैं।
इस अवसर पर सहायक निदेशक महिला अधिकारिता मनोज कुमार मीना, जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबन्धक ताराचन्द जैन सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी तथा मीडिया कर्मी उपस्थित रहे।