शक्ति दिवस का हुआ आयोजन
जिला स्वास्थ्य समिति की मासिक बैठक गत सोमवार को जिला कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव की अध्यक्षता में रणथम्भौर रोड़ स्थित होटल सिद्धी विनायक में आयोजित हुई। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. धर्मसिंह मीना ने जिला कलेक्टर को चिकित्सा विभाग द्वारा संचालित समस्त कार्यक्रमों, योजनाओं और अभियानों व विभिन्न कार्यक्रमों में जिले की प्रगति के बारे में पॉवर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से अवगत करवाया। जिला कलेक्टर ने कहा कि ईकेवाईसी में गांवों के लेवल पर जहां लक्ष्य प्रगति न्यून है वहां प्रगति बढ़ाने के प्रयास किये जाएं, क्योंकि जब तक ग्रासरूट लेवल पर कार्मिक काम नहीं करेंगे तो लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सकता है। प्रगति को साप्ताहिक रूप से रिव्यू कर प्रगति बढ़ाने के निर्देश प्रदान किये। रीजेंट्स व मशीनों की कमी की वजह से जिन भी चिकित्सा संस्थानों पर जांच नहीं हो पा रही है वहां जांच शुरू करवाई जाए।
जिला कलेक्टर ने कहा कि चिकित्सा विभाग की जिन भी समस्याओं का तुरंत समाधान किया जा सकता है उनका तुरंत समाधान किया जाए। गत बैठक में जो भी कम प्रगति वाले चिकित्सा संस्थान थे उन्होंने गत माह से अब तक क्या प्रगति की है इसकी समीक्षा कर प्रगति बढ़ाने, जो संस्थान लगातार कम प्रगति कर रहे हैं उनकी मासिक समीक्षा की जाए और उन्हें बढ़ाने के लिए प्रयास किये जायें। डेटा कलेक्शन को भी जिला स्तर से वेरिफाई किया जाए। जिला स्तरीय अधिकारियों की टीम सभी संस्थानों में जाये और डेटा एंट्री के लिए प्रशिक्षण प्रदान करें इसके निर्देश प्रदान किये गए। जिला स्तरीय, ब्लॉक स्तरीय अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी प्रभारी अपने अपने क्षेत्रों का गहन निरीक्षण करें, वहां आ रहे गैप्स को दूर करें, योजनाओ के संचालन से चिकित्सा संस्थानों को जो फ़ण्ड प्राप्त हो रहे है उन्हें संस्थान को बेहतर बनाने के लिए प्रयोग करें, उचित बैठक, साफ सफाई, उद्यान, सिक्योरिटी, बाउंड्री आदि की व्यवस्था की जा सकती है। इसके माध्यम से आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं।
बैठक में जिला सवाई माधोपुर-गंगापुर सिटी की विभिन्न योजनाओं, अनीमिया मुक्त भारत, कायाकल्प फर्स्ट, सेकंड व पीयर असेसमेंट, एनक्यूएएस, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ बीमा योजना, पैकेज क्लेम, पैकेज बुक, पीएमजेएवाई, केवाईसी, मुख्यमंत्री नि: शुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री नि: शुल्क जांच योजना, नि:शुल्क दवा उपलब्धता, जननी सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री राजश्री योजना, एएनसी रजिस्ट्रेशन, संस्थागत प्रसव, कुपोषण, केंसर स्क्रीनिंग, नवाजात को स्तनपान, 9 से 11 माह तक के बच्चों का सम्पूर्ण टीकाकरण, गर्भवतियों को टिटनेस डिप्थीरिया डोज़, परिवार कल्याण कार्यक्रम में नसबंदी, पीपीआईयूसीडी, आईयूसीडी में प्रगति की विस्तारपूर्वक समीक्षा की गई। बैठक में अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कैलाश सोनी, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनिल जैमिनी, जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रूकमकेश मीना, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुधीन्द्र शर्मा, जिला नोडल अधिकारी नवल किशोर अग्रवाल, समस्त बीसीएमओ व चिकित्सा अधिकारी प्रभारी मौजूद रहे।
गर्भवतियों, बच्चों को पिलाई आयरन की खुराक, पोषण की दी जानकारी
एनीमिया मुक्त राजस्थान कार्यक्रम के तहत बच्चों, किशोर-किशोरियों, प्रजनन उम्र की महिलाओं, गर्भवती महिलाओं तथा धात्री माताओं में अनीमिया की दर कम करने के लिए प्रत्येक मंगलवार को शक्ति दिवस के रूप आयोजित किया जा रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को जिले के सभी चिकित्सा संस्थानों व आंगनवाडी केंद्रों पर शक्ति दिवस का आयोजन किया गया। जिले के सभी जिला चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, हैल्थ वेलनेस सेंटर पर नियमित ओपीडी के अलावा मरीजों के हिमोग्लोबीन की जांच और उपचार किया गया।
सभी महिलाओं, गर्भवतियों, धात्री माताओं, किशोरियों को शक्ति दिवस के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि शक्ति दिवस का मुख्य उदे्श्य समुदाय व लाभार्थियों में अनीमिया नियंत्रण के लिए स्क्रीनिंग, हिमोग्लोबीन की जांच, उपचार तथा एनीमिया के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। आयरन स्वास्थ्य के लिए किस प्रकार आवश्यक है और इसकी कमी होने से किस प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं। कार्यक्रम में महिलाओं, गर्भवतियों, धात्री माताओं, किशोरियों का हीमोग्लोबिन जांच कर आयरन की दवाएं दी गई। जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों द्वारा सत्रों का निरीक्षण किया, दवाओं की उपलब्धता की जांच, सभी आयुवर्गों की उपस्थिति की जांच की। साथ ही आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये।
चिकित्सा संस्थानों व स्कूलों में दी खुराक:- 6 माह से 59 माह तक के बच्चों, 5 से 9 वर्ष तक के स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों, 10 से 19 वर्ष की स्कूल नहीं जाने वाली किशोरी बालिकाओं, 20 से 24 वर्ष की विवाहित महिलाओं, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री महिलाओं को गोली खिलाई गयी। स्कूलों में बच्चों को भी आयरन की खुराक दी गयी।
चिकित्सा संस्थानों पर एएनएम द्वारा समस्त लक्षित लाभार्थियों की एनीमिया की स्क्रीनिंग की गई, महिलाओं एवं बच्चों को थकान, भूख ना लगना, नाखूनों का सफेद होना, जीभ पर सफेद परत का होना जैसे कुछ सामान्य लक्षणों के आधार पर तथा एनीमिक पाए गए लोगों को दवा वितरित की गई। साथ ही एनीमिक पाई गई महिलाओं, बच्चों का उपचार कराने के लिए लगातार फॉलोअप किया जाएगा। साथ ही सभी को भोजन की अच्छी आदतों को अपनाने, पोषक तत्वों युक्त भोजन करने, हरी सब्जियों, फलों, आयरन युक्त खाघ पदार्थों का सेवन करने की संबंधी जानकारी दी गई।