कोटा: राजस्थान (Rasjthan) के कोटा रेल मंडल (Kota Railway Division) में डबल डेकर कोच (Double Decker Coach) का ट्रायल (Trail) चल रहा है। डबल डेकर कोच को 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया जा रहा है। इस ट्रायल का उद्देश्य यह देखना है कि क्या यह कोच यात्रियों के साथ-साथ सामान को भी ढो सकता है। जानकारी के अनुसार अब तक 11 में से 3 ट्रायल हो चुके हैं और बाकी आठ जल्द ही पूरे किए जाएंगे। पश्चिम मध्य रेलवे (West Central Railways) के कोटा (Kota) मंडल में इन दिनों एक खास तरह के डबल डेकर कोच का ट्रायल चल रहा है।
इस कोच की खास बात यह है कि इसमें यात्रियों के साथ-साथ उनके सामान के लिए भी जगह बनाई गई है। इस ट्रायल में कोच को सवाई माधोपुर (Sawai Madhopur) और शामगढ़ स्टेशनों (Shyamgarh Station) के बीच 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया जा रहा है। गत बुधवार को कोटा (Kota Junction) और नागदा स्टेशनों (Nagda Station) के बीच भी इसी स्पीड से ट्रायल किया गया है।
अब पार्सल और लगेज के लिए यात्रियों को नहीं होना पड़ेगा परेशान:
रेलवे अधिकारियों के अनुसार देश में डबल डेकर कोच पहले से ही चल रहे हैं। इस डबल डेकर कोच में अब पार्सल लगेज रखने की भी व्यवस्था की गई है। इसके चलते अब इस कोच यात्रियों के अलावा, गार्ड और लगेज की भी व्यवस्था होगी।
कोच में यात्रियों के वजन के बराबर रखी जाएगी रेत:
इस ट्रायल का जिम्मा लखनऊ (Lucknow) स्थित अनुसंधान अभिकल्प मानक संगठन (RDSO) के पास है। 13 जुलाई से शुरू हुआ यह ट्रायल अभी तक सफल रहा है। अगले चरण में, कोच में यात्रियों के वजन के बराबर रेत के बोरे रखकर ट्रायल किया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि यह देखा जा सके कि कोच कितना वजन सह सकता है। ट्रायल के बाद आरडीएसओ अपनी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड (Ministry of Railways) को भेजेगा। बोर्ड के फैसले के बाद ही यह कोच ट्रेनों में शामिल किया जाएगा।
इससे पूर्व भी हो चुका है ट्रायल:
यह पहली बार ऐसा नहीं है जब कोटा मंडल (Kota Railway Station) में डबल डेकर कोच का ट्रायल हो रहा है। दो साल पूर्व भी जुलाई के महीने में इसी तरह का ट्रायल किया गया था। तब भी कोच को 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया गया था। कोटा रेल मंडल का ट्रैक देशभर में हाई स्पीड ट्रेन चलाने के लिए सबसे मजबूत माना जाता है। कोटा में पहले भी वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat Express Train) का पहला ट्रायल किया जा चुका है। सात साल पहले 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वंदे भारत ट्रेन को भी कोटा में दौड़ाया गया था।
(सोर्स : नव भारत टाइम्स)